उत्तराखंड हल्द्वानीAmit Kumar of Uttarakhand topped the board exam while in jail

उत्तराखंड से प्रेरक कहानी: जेल में रहकर बोर्ड का टॉपर बना अमित, अब कर रहा है UPSC की तैयारी

Uttarakhand Amit Jail Board Exam बंदी अमित हर दिन 4 से 5 घंटे पढ़ाई करता रहा और सीटेट दी। दो महीने पहले उसने सीटेट परीक्षा पास कर ली। अब वो यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहा है।

Uttarakhand Amit Jail Board Exam: Amit Kumar of Uttarakhand topped the board exam while in jail
Image: Amit Kumar of Uttarakhand topped the board exam while in jail (Source: Social Media)

हल्द्वानी: कुछ समय पहले एक फिल्म आई थी ‘दसवीं’... इस फिल्म में एक अशिक्षित राजनेता को भ्रष्टाचार के कारण जेल हो जाती है। और फिर वह जेल में पढ़ाई करके दसवीं की परीक्षा पास करता है।

Amit of Uttarakhand topped board exam while in jail

कुछ ऐसा ही अपने हल्द्वानी में भी हुआ है। यहां जेल में बंद किच्छा के बंदी ने जेल में रहते हुए पढ़ाई की और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) परीक्षा पास कर ली। इतना ही नहीं बंदी ने उत्तराखंड बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में भी मेरिट लिस्ट में टॉप 10 में जगह बनाई थी। अब उसने सीटेट परीक्षा पास की है। किच्छा में रहने वाला अमित कुमार पुत्र भोजलाल 20 दिसंबर 2022 को हल्द्वानी जेल में आया था। उसके ऊपर दहेज हत्या का आरोप है। अमित के साथ उसका पूरा परिवार जेल में रहा। बाद में माता-पिता जमानत पर छूट गए, लेकिन सॉफ्टवेयर इंजीनियर भाई हेमंत कुमार, रोहित और राजकुमार अब भी जेल में ही हैं। अमित पढ़ाई में शुरू से अव्वल रहा है, उसने जेल में बंद रहने के दौरान भी पढ़ाई में खूब मेहनत की और इंटरमीडिएट परीक्षा की मेरिट लिस्ट में टॉप 10 में जगह बनाई। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

जेल में आने के बाद अमित ने जेल प्रशासन को बताया कि उसकी सीटेट परीक्षा होनी है। जेल प्रशासन ने भी उसकी मदद की। उसे किताबें उपलब्ध कराई गईं। अमित हर दिन 4 से 5 घंटे पढ़ाई करता रहा और सीटेट दी। दो महीने पहले उसने सीटेट परीक्षा पास कर ली। अब वो यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहा है। जेल प्रशासन के अनुसार 15 अगस्त 2022 को अमित के बड़े भाई रोहित कुमार की पत्नी की घर पर ही मौत हो गई थी। रोहित के ससुरालियों ने पूरे परिवार पर दहेज हत्या का आरोप लगाया था। 21 अगस्त को रोहित व उसके माता-पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं 20 दिसंबर को अमित व उसके सॉफ्टवेयर इंजीनियर भाई हेमंत व राजकुमार को भी जेल हो गई। इतना कुछ होने के बाद भी अमित ने हिम्मत नहीं हारी और जेल में बंद रहकर पढ़ाई की। जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार पांडे ने कहा कि अमित को हर संभव मदद दी जा रही है। अमित के अलावा सैफ अली और विशप्ल नाम के बंदी भी जेल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।