उत्तराखंड कोटद्वारDress Code Apply In Siddhabali Temple Kotdwar

उत्तराखंड के सिद्धबली मंदिर में भी लागू हुआ ड्रेस कोड, यहां आने से पहले नियम पढ़ लीजिए

Siddhabali Temple Dress Code हरिद्वार में महानिर्वाणी अखाड़े के तीन बड़े मंदिरों में भी छोटे कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगाई गई है।

Siddhabali Temple Dress Code: Dress Code Apply In Siddhabali Temple Kotdwar
Image: Dress Code Apply In Siddhabali Temple Kotdwar (Source: Social Media)

कोटद्वार: पिछले दिनों उत्तराखंड के कई मंदिरों में अमर्यादित कपड़े पहन कर आने वालों की एंट्री बैन कर दी गई।

Siddhabali Temple Dress Code

तमाम वीडियो जारी कर लोगों से मर्यादित कपड़े पहनकर मंदिर आने की अपील की गई, ताकि धर्मस्थलों की मर्यादा बनी रहे। यह मुहिम अब पूरे प्रदेश में आगे बढ़ रही है। पौड़ी के कोटद्वार स्थित श्री सिद्धबली मंदिर समिति ने भी भक्तों से मर्यादित कपड़े पहनकर मंदिर आने का आग्रह किया है। इसे लेकर मंदिर परिसर में जगह-जगह चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। खोह नदी के तट पर स्थित श्री सिद्धबली मंदिर के प्रति लोगों में अटूट श्रद्धा है। मान्यता है कि बजरंग बली को समर्पित इस मंदिर में मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। मंदिर में कोटद्वार के आसपास से लेकर बिजनौर, मेरठ और दिल्ली तक से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में मंदिर समिति मर्यादा बनाए रखने की बात कह रही है।

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श्री सिद्धबली मंदिर समिति के प्रबंधक शैलेश जोशी ने कहा कि चाहे कोई भी मंदिर हो, मर्यादित वस्त्रों में ही भगवान के दर्शन के लिए जाना चाहिए। मंदिर आने वाले हर श्रद्धालु के आचरण और पहनावे में शालीनता होनी चाहिए। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को हरिद्वार में महानिर्वाणी अखाड़े के तीन बड़े मंदिरों में छोटे कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं पर रोक लगाई गई थी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के शरीर का 80 प्रतिशत हिस्सा ढका होना चाहिए। जिन मंदिरों के लिए ड्रेस कोड जारी किया गया है, उनमें हरिद्वार का दक्ष प्रजापति मंदिर, ऋषिकेश का नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून का टपकेश्वर महादेव मंदिर शामिल है। अब Siddhabali Temple Dress Code भी लागू हो गया है। धार्मिक स्थलों पर मर्यादा बनाए रखने के लिए उत्तराखंड पुलिस की ओर से भी मिशन मर्यादा चलाया जा रहा है। इसके तहत धार्मिक स्थलों पर असामाजिक और आपत्तिजनक कृत्य करते हुए पकड़े जाने पर चालान किया जाता है।