उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालtwo brothers left Islam and adopted Hinduism in Pauri Garhwal

गढ़वाल: इस्लाम त्याग कर दो मुस्लिम भाइयों ने अपनाया सनातन धर्म, मां से मिली है प्रेरणा

इस्माइल बने अंकुश तो अरमान बन गए आर्यन, इस्लाम से हिंदुत्व तक का सफ़र। दोनों ने बाकायदा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीचहिंदू सनातन धर्म अपनाया है।

Pauri Garhwal Muslim brother became Hindu: two brothers left Islam and adopted Hinduism in Pauri Garhwal
Image: two brothers left Islam and adopted Hinduism in Pauri Garhwal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: सुबह का अरमान अगर शाम को घर लौट कर आर्यन बन जाए तो? नहीं नहीं यज काल्पनिक नहीं बल्कि सच्ची घटना है।

two muslim brothers adopted Hinduism in Pauri Garhwal

जी हां, पौड़ी जनपद के लैंसडाउन में ऐसा सचमुच हुआ है। यहां पर दो भाई जो कि इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखते थे अब हिंदू बन चुके हैं। अब उनकी घर वापसी कैसे हुई यह कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। दोनों ने बाकायदा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीचहिंदू सनातन धर्म अपनाया है। जहां एक और इस्लाम और क्रिश्चियन कन्वर्जन की खबरें आग की तरह फैल रही हैं उस बीच ऐसी खबरें आश्चर्यचकित करने वाली हैं। दोनों ने धर्मान्तरण आर्य समाज मंदिर में यज्ञोपवीत संस्कार समारोह में करवाया। 24 वर्षीय इस्माइल को अंकुश और 20 वर्षीय अरमान को आर्यन नाम दिया गया। दोनों भाइयों ने सनातन धर्म में प्रवेश पर खुशी जताई हैं। उनकी दो बहनें भी हैं। इनमें एक की शादी हो चुकी है। अब आपको यह बताते हैं कि दोनों ने आखिर सनातन धर्म क्यों अपनाया और इसके पीछे की कहानी क्या है।

ये भी पढ़ें:

दरअसल सनातन धर्म अपनाने वाले जयहरीखाल (लैंसडाउन) निवासी इस्माइल और अरमान ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी माता सीता देवी हिंदू हैं, जबकि पिता मुस्लिम थे। मां ने शादी के बाद भी अपना धर्म और पूजा पद्धति नहीं बदली थी। जब उनके चारों भाई-बहन जब बहुत छोटे थे, तभी पिता परिवार को छोड़कर चले गए थे। कठोर परिस्थितियों के बीच उनके पिता ने उनकी मां और अपने बच्चों का साथ छोड़ दिया। तब उनकी मां ने उनका पालन पोषण किया। ऐसे में मां उन्हें लेकर मायके आ गई। यहां उन्होंने बच्चों का पालन-पोषण करने के साथ सनातनी संस्कार दिए। वह आज भी सनातन धर्म के अनुसार पूजा-पाठ करती हैं। उनके बच्चे भी इसमें शामिल होते हैं। इसी से प्रेरित होकर इस्माइल और अरमान ने सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया। मां की सहमति पर दोनों रविवार को विश्व हिंदू परिषद और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में सनातनी बन गए।