देहरादून: लोक गायक, जन कवि हीरा सिंह राणा उत्तराखंडी लोककला की पहचान थे। उनकी पहचान ऐसे गायक, कवि के रूप में की जाती है, जिनके गीतों ने पहाड़ के लोगों के दर्द को उजागर किया।
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उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान गाए गए राणा के गीतों ने लोगों को प्रेरणा और हिम्मत दी थी। स्व. राणा नितांत साधारण व्यक्ति थे। संघर्षों से जूझते हुए उन्होंने लोक कला को शिखर तक पहुंचाया और अपना स्थान बनाए रखा। साल 2020 में प्रख्यात लोकगायक हीरा सिंह राणा का निधन हो गया, लेकिन उनके गीत आज भी आम जनमानस को उनसे जोड़े हुए हैं। ‘संध्या झूली’ एक ऐसा ही लोक गीत है, जिसे हर पीढ़ी ने सुना और सराहा। इस मशहूर गीत को डॉ. अजय ढौंडियाल और पांडवाज ग्रुप ने नए कलेवर में पेश किया है। इस गीत के माध्यम से पांडवाज ने स्वर्गीय हीरा सिंह राणा को सुमधुर अंदाज में श्रद्धांजलि दी। आगे देखिए वीडियो
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यूट्यूब पर रिलीज गीत को लोकगायक डॉ. अजय ढौंडियाल ने अपनी मधुर आवाज से सजाया है। यहां आपको ये भी बता दें कि डॉ अजय ढौंडियाल स्व. हीरा सिंह राणा जी को अपना गुरु मानते हैं। स्व. हीरा सिंह राणा भी डॉ. अजय ढौंडियाल से बड़ा स्नेह करते थे। अक्सर कई मंचों को दोनों को साथ भी देखा गया था। गीत वाकई शानदार बना है। संगीत पक्ष में ईशान डोभाल का काम हमेशा की तरह सराहनीय है। गीत की निर्माता विमला राणा हैं। अगर आप भी लोकगीत के क्षेत्र में कुछ नया और शानदार सुनना चाहते हैं तो आपको ‘संध्या झूली’ जरूर सुनना चाहिए। आगे देखिए वीडियो