ऋषिकेश: उत्तराखंडवासी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
Rishikesh-Karnprayag Rail Network Work Update
इस परियोजना को साल 2024 तक पूरा होना था, लेकिन अब प्रोजेक्ट को लेकर चिंता बढ़ाने वाली खबर आई है। दरअसल पहाड़ों पर ट्रेन चलाने को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। रेल विकास निगम साल 2026 तक ऋषिकेश-व्यासी के बीच ही रेल लाइन बना सकेगा। परियोजना में देरी की कई वजहें हैं। कोरोना काल के दौरान प्रोजेक्ट का कार्य थम गया था, जिससे कर्णप्रयाग तक रेल लाइन बिछने में अधिक समय लग रहा है। मंगलवार को रेल विकास निगम के ऋषिकेश स्थित दफ्तर में एक प्रेस कांफ्रेंस हुई। जिसमें आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत यादव ने बताया कि 16216 करोड़ की लागत से तैयार हो रही 125 किमी लंबी रेल परियोजना में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 105 किमी रेल लाइन 17 सुरंगों के भीतर से होकर गुजरेगी। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
कोरोना संक्रमण की वजह से प्रोजेक्ट का काम लंबे समय तक बाधित रहा, लेकिन रेल विकास निगम ने प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक सुरंगों के भीतर बिछाई जाने वाली सिंगल ब्रॉडगेज रेल लाइन की लंबाई वैसे तो 105 किमी है, लेकिन देवप्रयाग (सौड़) से जनासू के बीच 14.8 किमी लंबाई की दो अलग-अलग सुरंग बनाई जाएंगी। इस डबल ट्यूब टनल में गाड़ियों के आने-जाने के लिए अलग-अलग ब्रॉडगेज लाइन बिछाई जाएगी। उम्मीद है कि 2026 तक ऋषिकेश-व्यासी के बीच रेल लाइन बनकर तैयार हो जायेगी। बता दें कि उत्तराखंड में खनन कार्य पर रोक है, प्रोजेक्ट के समय पर पूरा न होने की ये भी एक बड़ी वजह है। परियोजना की राह में आ रही चुनौतियों को देखते हुए प्रोजेक्ट में देरी होने की संभावना है।