उत्तरकाशी: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जारी रेस्क्यू अभियान का आज छठवां दिन है।
Silkyara Tunnel Collapses 40 People Trapped
जैसे-जैसे समय बीत रहा है, सुरंग में फंसे मजदूरों का सब्र जवाब देने लगा है। यहां अमेरिकी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। अभी तक 21 मीटर ड्रिलिंग हो पाई है। छह मीटर का एक पाइप है। अमेरिकी ऑगर मशीन से 900 एमएम व्यास के करीब 10 से 12 पाइप डाले जाने हैं। मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए अब तक कई प्लान बनाए गए, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। मजदूरों के परिजन ऑपरेशन सिलक्यारा पर सवाल उठा रहे हैं। मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने कहा कि इस पूरे मामले में बड़ी लापरवाही बरती गई। जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सिलक्यारा पहुंचे।
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रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल व एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खल्को ने उन्हें निर्माणाधीन सुरंग व रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने सुरंग के अंदर जाकर भी भूस्खलन वाली जगह का निरीक्षण किया। इस दौरान वीके सिंह ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालना पहली प्राथमिकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर सभी एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं। उन्होंने बचाव कार्य दो से तीन में पूरा कर लेने की बात कही है। बता दें कि बीते रविवार को हुए भूस्खलन से सिलक्यारा सुरंग में 70 मीटर तक मलबा फैला हुआ है। जिस गति से नई मशीन ड्रिलिंग कर रही है, उसे देखकर यही लगता है कि अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में कम से कम 48 घंटे का समय और लग सकता है।