उत्तराखंड हरिद्वारHaridwar Lok Sabha seat election equation

उत्तराखंड: लोकसभा चुनाव में आसान नहीं निशंक की राह, टिकट के दावेदारों में ‘अपने’ भी शामिल

Haridwar Lok Sabha seat डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को टिकट पाने के लिए अपने ही खेमे के सदस्यों को बैकफुट पर भेजना होगा, तभी आगे की राह तय हो सकेगी।

Haridwar Lok Sabha Seat: Haridwar Lok Sabha seat election equation
Image: Haridwar Lok Sabha seat election equation (Source: Social Media)

हरिद्वार: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बिसात बिछने लगी है। लोकसभा चुनाव के दौरान जिन सीटों पर सबकी नजर है, हरिद्वार लोकसभा सीट उनमें से एक है।

Haridwar Lok Sabha seat election equation

यहां से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक इस बार भी टिकट के सबसे बड़े दावेदार हैं, लेकिन उन्हें बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं हरिद्वार विधायक मदन कौशिक, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद और पूर्व विधायक संजय गुप्ता से टक्कर मिल सकती है। मदन कौशिक का नाम भी टिकट के दावेदारों में शामिल है। इससे पहले कौशिक दो बार टिकट से चूक चुके हैं। पूर्व मंत्री रह चुके स्वामी यतीश्वरानंद और पूर्व विधायक संजय गुप्ता भी टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इस बार डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को टिकट पाने के लिए अपने ही खेमे के सदस्यों को बैकफुट पर भेजना होगा, तभी आगे की राह तय हो सकेगी। दो बार से लगातार सांसद रहे डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के सामने साल 2019 में टिकट के दावेदार न के बराबर थे, लेकिन साल 2024 आते-आते कई बीजेपी नेताओं के नाम सामने आने लगे हैं।

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इनमें दो दावेदार ऐसे हैं, जिन्हें निशंक के खेमे का माना जाता है। पूर्व मंत्री यतीश्वरानंद और पूर्व विधायक संजय गुप्ता के साथ मदन कौशिक भी टिकट की लाइन में खड़े हैं। बीते दिनों एक कार्यक्रम में संजय गुप्ता को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाने को लेकर नारेबाजी की गई थी, जिससे पार्टी संगठन के नेता नाराज हो गए थे। उधर, मदन कौशिक भी टिकट मिलने की उम्मीद में हैं, क्योंकि 2009 और 2014 में अचानक मदन कौशिक का टिकट कट गया था। बता दें कि साल 2014 में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी का सूखा खत्म कर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक सांसद बने थे। वो सिटिंग सांसद होने के नाते इस बार भी टिकट के सबसे बड़े दावेदार हैं, हालांकि 2019 की अपेक्षा इस बार उन्हें Haridwar Lok Sabha seat टिकट के लिए अपने ही खेमे के लोगों से कड़ी चुनौती मिल रही है।