उत्तराखंड नैनीतालSanjay Bisht of Uttarakhand martyred in terrorist attack

उत्तराखंड का जांबाज सपूत आतंकी हमले में शहीद, बेटे के लिए दुल्हन ढूंढ रहे थे बूढ़े मां-बाप

Martyr Sanjay Bisht फौजी संजय बिष्ट 28 साल के थे। जब से उनकी शहादत की खबर घर पहुंची है, पूरे क्षेत्र में मातम पसरा है।

Martyr Sanjay Bisht: Sanjay Bisht of Uttarakhand martyred in terrorist attack
Image: Sanjay Bisht of Uttarakhand martyred in terrorist attack (Source: Social Media)

नैनीताल: उत्तराखंड के एक और जांबाज लाल ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

Sanjay Bisht martyred in terrorist attack

नैनीताल जिले में रहने वाले सेना के जवान संजय बिष्ट राजोरी में शहीद हो गए। संजय बिष्ट 28 साल के थे। जब से उनकी शहादत की खबर घर पहुंची है, पूरे क्षेत्र में मातम पसरा है। माता-पिता और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। राजोरी में बुधवार की सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान संजय बिष्ट गंभीर रूप से घायल हो गए थे, बाद में उनके शहीद होने की खबर आई। सैन्य अधिकारियों की ओर से परिजनों को हादसे की सूचना दी गई। जवान बेटे के शहीद होने की खबर लगते ही परिवार में कोहराम मचा हुआ है। आगे पढ़िए

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संजय बिष्ट पुत्र दीवान सिंह बिष्ट नैनीताल जिले के हली गांव के रहने वाले थे, वर्तमान में उनका परिवार रातीघाट में रहता है। पिता दीवान सिंह बिष्ट रातीघाट में दुकान चलाने के साथ पोस्ट ऑफिस में भी काम करते हैं। परिजनों ने बताया कि संजय को भारतीय सेना में 12 साल हो गए थे। संजय का विवाह नहीं हुआ था, परिवार वाले उनके लिए दुल्हन ढूंढ रहे थे, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था। संजय अपने पीछे मां-बाप, बड़े भाई को रोता हुआ छोड़ गए है। बताया जा रहा है कि शहीद का पार्थिव शरीर शुक्रवार तक उनके गांव पहुंचने की उम्मीद है। Martyr Sanjay Bisht संजय के शहीद होने की खबर के बाद रातीघाट बाजार और आसपास के क्षेत्र के लोगों में गमगीन माहौल है।