उत्तरकाशी: उत्तराखंड आपदा के लिहाज से संवेदनशील है। यहां चल रही बड़ी परियोजनाओं को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
Danger signal in another tunnel of Uttarkashi
बीते महीने दिवाली के दिन 41 लोग सिलक्यारा में बन रही सुरंग में फंस गए थे। 17 दिन की जद्दोजहद के बाद इन्हें बचा लिया गया, लेकिन अब उत्तरकाशी की ही एक और सुरंग से खतरे के संकेत मिले हैं। धरांसू बैंड के निकट महरगांव में सुरंग से दो साल पहले पानी का रिसाव शुरू हुआ था, जो धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। सुरंग से इतना पानी बह रहा है कि इससे सिंचाई की नहर व जमीनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ग्रामीण डरे हुए हैं। उधर, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) का कहना है कि सुरंग के उपचार का काम लगातार जारी है। आगे पढ़िए
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बता दें कि धरासूं में बिजली का उत्पादन होता है। यहां मनेरी भाली-2 परियोजना की 16 किलोमीटर लंबी सुरंग है। महरगांव में सुरंग से दो साल पहले पानी का रिसाव शुरू हुआ था, जो धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। यूजेवीएनएल इसके उपचार पर अब तक करोड़ों खर्च कर चुका है, लेकिन रिसाव नियंत्रण में नहीं आ रहा। ग्रामीण परेशान हैं। उनका कहना है कि सुरंग से हो रहे रिसाव के चलते सिंचाई नहर व करीब 10 नाली भूमि क्षतिग्रस्त हो गई है। जगह-जगह भू-कटाव हो रहा है। सुरंग के ऊपर स्थित चमियारी गांव को भी बरसात में नुकसान पहुंच सकता है। वहीं मामले को लेकर यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल ने कहा कि हमारे विशेषज्ञ इसके उपचार में जुटे हुए हैं। जल्द ही कोई नतीजा निकलेगा। जिन ग्रामीणों को नुकसान हुआ, उन्हें मुआवजा भी दिया गया है।