देहरादून: मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने प्रदेश में ठोस कूड़ा प्रबंधन के तहत् कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
Garbage Disposal Scheme Uttarakhand
मुख्य सचिव ने कहा कि ठोस कूड़ा के 100 प्रतिशत निस्तारण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण, सोर्स सेग्रीगेशन एवं डस्टबिन फ्री सिटी की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने लोगों में जागरूकता के लिए भी योजना संचालित किए जाने के निर्देश दिये। कहा कि जहां पर लोगों द्वारा कूड़ा अक्सर फेंका जाता रहा है, उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। लोगों को भी योजना में शामिल करते हुए कूड़ा फेंकने वाले की फोटो खींच कर भेजने वाले को कूड़ा फेंकने वाले पर लगे चालान की रक़म का 50 प्रतिशत इनाम में दिया जाए। इससे लोगों को डोर टू डोर कूड़ा उठान के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। मुख्य सचिव ने अगले 15 दिनों में प्रदेश में विश्वस्तरीय ठोस कूड़ा प्रबंधन प्रणाली विकसित हेतु एक आदर्श प्लान प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए बजट की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
मुख्य सचिव ने प्रदेशभर में विभिन्न स्थानों से लेगेसी वेस्ट को भी शीघ्र हटाए जाने के निर्देश दिए। कहा कि लेगेसी वेस्ट हटाए जाने के बाद ख़ाली पड़ी भूमि का अधिकतम उपयोग हो सके इसके लिए स्थानीय आवश्यकताओं एवं परिस्थितियों के अनुरूप भूमि उपयोग की योजना तैयार की जाए। मुख्य सचिव ने प्रदेशभर को अगले 15 दिनों में डस्टबिन फ्री किए जाने के भी निर्देश दिये। कहा कि 100 प्रतिशत डोर टू डोर कूड़ा उठान तभी संभव होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए कूड़ा उठाने वाले वाहनों की जितनी भी आवश्यकता होगी उसके लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही मैन पावर भी बढाई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर की सड़कों के किनारे से डस्टबिन हटाए जाने के बाद डस्टबिन उठाने (Garbage Disposal Uttarakhand) के अनुकूल बनी गाड़ियाँ अप्रयोज्य न हो जाएं और उनसे कार्य लिया जाता रहे, इसका ध्यान रखते हुए उन वाहनों का मॉडिफिकेशन प्लान भी तैयार कर किया जाए।