चम्पावत: उत्तराखंड के चंपावत जिले से एक खबर सामने आई है।
Janaki Devi fought with the tiger in Champawat
यहां जंगल में घास काटने गई जानकी देवी ने खूंखार बाघ से अपने सहेली की जान बचा ली। ये घटना चंपावत के टनकपुर के पास ऊंचौलीगोठ गांव की है। यहां की रहने वाली गीता देवी अपनी सहेली जानकी देवी और पार्वती देवी के साथ घास लेने के लिए जंगल में गई थीं। जंगल में घास काटने के दौरान बाघ ने गीता देवी पर हमला कर दिया। गीता का शोर सुनने के बाद कुछ दूरी पर घास काट रहीं जानकी देवी और पार्वती मौके पर पहुंचे। उन्होंने हिम्मत कर बाघ पर लकड़ी-पत्थर बरसाए। बाघ पीछे तो हटा लेकिन कुछ ही देर बाद उसने फिर से महिला पर हमला कर दिया। आगे पढ़िए
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बाघ गीता देवी को चार मीटर तक घसीटता हुआ ले गया। इसके बाद जानकी देवी का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। जानकी देवी ने बाघ पर दराती और पत्थर से ताबड़तोड़ हमले किए। इसके बाद बाघ जंगल की ओर भाग गया। गीता देवी को ग्रामीणों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां उनके सिर पर 21 टांके आए। इलाज के बाद उसकी हालत खतरे से बाहर है। गीता देवी को बाघ के जबड़े से बचाकर लाने वाली जानकी देवी ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। बाघ ने जानकी देवी पर भी पंजा मारा। इस पर बचाव में जानकी ने बाघ पर दराती से प्रहार कर दिया। उसके बाद बाघ घायल शिकार छोड़ जंगल की ओर भाग गया था।