उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वालKirti Chakra Award to Major Digvijay Singh Rawat of Shrinagar Garhwal

गौरवशाली पल: गढ़वाल के मेजर दिग्विजय सिंह को कीर्ति चक्र...आतंकियों के कैप्टन को किया था ढेर

मेजर दिग्विजय सिंह रावत को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा। आज हर कोई उनकी बहादुरी को सलाम कर रहा है। पढ़िए ये गौरवशाली गाथा..

Major Digvijay Singh Rawat: Kirti Chakra Award to Major Digvijay Singh Rawat of Shrinagar Garhwal
Image: Kirti Chakra Award to Major Digvijay Singh Rawat of Shrinagar Garhwal (Source: Social Media)

श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड देवभूमि ही नहीं वीर भूमि भी है। बात जब देशसेवा की आती है तो यहां के जांबाजों का कोई मुकाबला नहीं। प्रदेश के एक ऐसे ही जांबाज लाल मेजर दिग्विजय सिंह को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा।

Kirti Chakra Award to Major Digvijay Singh Rawat of Shrinagar Garhwal

मेजर दिग्विजय सिंह रावत की इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी का माहौल है। 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर केंद्र सरकार की तरफ से ये घोषणा की गई। मेजर दिग्विजय सिंह पौड़ी के श्रीनगर में स्थित डांग क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्हें कीर्ति चक्र मिलने पर उनके परिवार और क्षेत्र में खुशी की लहर है। हर कोई उनकी बहादुरी को सलाम कर रहा है। मेजर दिग्विजय सिंह रावत ने हाईस्कूल तक की पढ़ाई सेंट थेरेसॉस कान्वेंट स्कूल और इंटरमीडियट की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय, श्रीनगर से उत्तीर्ण की। आगे पढ़िए...

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जिसके बाद एनडीए में एसएसबी देकर इंटरव्यू में पास होने के बाद उन्होंने आर्मी के टेक्निकल एंट्री के क्षेत्र को चुना। जून 2014 में पैरा (स्पेशल फोर्सेज) को चुन कर अपनी सेवाएं देना शुरू किया।

"मेजर दिग्विजय सिंह रावत को 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कीर्ति चक्र सम्मान, मणिपुर में साहसिक ऑपरेशन को दिया था अंजाम"

जानकारी के मुताबिक मेजर दिग्विजय सिंह रावत को विद्रोही समूहों (वीबीआईजी) के खिलाफ किए ऑपरेशन के लिए मिला है। मेजर दिग्विजय सिंह रावत को सूचना मिली थी कि घाटी के कुछ विद्रोही समूह (वीबीआईजी) मणिपुर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। आगे पढ़िए...

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मेजर दिग्विजय सिंह रावत को जैसे ही ये सूचना मिली उन्होंने अपने सूत्र को सक्रिय किया, जिसने विद्रोही समूहों को भटकाने का काम किया। मेजर दिग्विजय सिंह रावत जैसे ही अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो आतंकवादियों ने सैनिकों पर अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया, लेकिन मेजर दिग्विजय सिंह रावत ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी टीम को कुशलता से नियंत्रित किया। मेजर दिग्विजय सिंह रावत जमीन पर रेंगते हुए आतंकवादियों के इलाके में पहुंचे और आतंकियों के कैप्टन का ढेर कर दिया। कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी के प्रति समर्पण, बेजोड़ शौर्य, साहस और रणनीतिक कौशल के चलते मेजर दिग्विजय सिंह रावत को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा।