देहरादून: धामी सरकार के नेतृत्व में उत्तराखंड नई पहल का साक्षी बना है। बुधवार को आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड-2024 विधानसभा में पास हो गया।
Uniform Civil Code In Uttarakhand
विधानसभा से यूसीसी बिल पास होने के बाद अब यह राजभवन को भेजा जाएगा। क्योंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेज दिया जाएगा। इस पर राष्ट्रपति भवन को फैसला लेना है। वहां से मुहर लगने के बाद राज्य में कानून लागू हो जाएगा। उत्तराखंड की इस पहल का दूसरे राज्यों ने भी स्वागत किया है। माना जा रहा है कि जल्द ही दूसरे राज्यों में भी यूसीसी लागू किया जा सकता है। उत्तराखंड के बाद असम की बीजेपी सरकार यूसीसी बिल विधानसभा में सबसे पहले पेश कर सकती है।
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राजस्थान सरकार भी यूसीसी लाने का ऐलान कर चुकी है। बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस बिल से समाज का भेदभाव, कुरीतियां खत्म होंगी। कहा, इस कानून में संशोधन की भी गुंजाइश होगी। विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान 12 फरवरी 2022 को उन्होंने जनता के सामने दोबारा सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता कानून लाने का संकल्प लिया था। आज करीब दो साल बाद सात फरवरी को यह संकल्प सिद्ध हो गया है। जनता ने जिस मकसद से उन्हें चुना, वह समानता का अधिकार सबको मिलने जा रहा है। जिस प्रकार गंगा सबके लिए सुखदायी है, वैसे ही यूसीसी भी मातृशक्ति व पूरे समाज के लिए सुखद होगा।