देहरादून: बीजेपी ने उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने तीनों सीटों पर पुराने चेहरों पर दांव खेला, जबकि दो सीटें होल्ड पर हैं।
Uttarakhand Lok Sabha BJP Candidate
प्रत्याशी चयन के मामले में बीजेपी फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रही है। टिहरी, अल्मोड़ा और नैनीताल-ऊधमसिंहनगर में पार्टी ने कोई जोखिम नहीं उठाया और पुराने सांसदों को ही दोबारा टिकट दिया। जबकि हरिद्वार और पौड़ी सीट पर सस्पेंस कायम है। वर्तमान में हरिद्वार का प्रतिनिधित्व पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और पौड़ी का प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कर रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि छह अथवा सात मार्च को संभावित केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में इन सीटों के लिए प्रत्याशी के नाम पर मुहर लग सकती है। बीजेपी इस बार भी जीत की हैट्रिक का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी है। उत्तराखंड की तीन सीटों की बात करे तो पार्टी ने टिहरी से माला राज्य लक्ष्मी शाह, अल्मोड़ा से अजय टम्टा और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर से केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट को उम्मीदवार बनाया है। सीटों के समीकरण को देखें तो वर्ष 2012 के उपचुनाव से टिहरी सीट का प्रतिनिधित्व टिहरी राजपरिवार की माला राज्य लक्ष्मी शाह कर रही हैं।
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पार्टी ने उन्हें लगातार चौथी बार टिकट दिया है। नैनीताल-ऊधमसिंहनगर सीट से केंद्र में राज्यमंत्री रहे अजय भट्ट को दोबारा मौका दिया गया है। अजय टम्टा राज्य की एकमात्र सुरक्षित सीट अल्मोड़ा से प्रत्याशी बनाए गए हैं। पौड़ी और हरिद्वार की बात करें तो दोनों पर वजनदार नेता प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हरिद्वार सीट से पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मंत्री मदन कौशिक व स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, यतींद्रानंद गिरि टिकट की दौड़ में शामिल हैं। जबकि पौड़ी सीट से वर्तमान सांसद तीरथ सिंह रावत के अलावा राज्यसभा सदस्य एवं बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत व प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल समेत कुछ अन्य दावेदार भी दौड़ में बताए जा रहे हैं। बीजेपी नेतृत्व द्वारा प्रत्याशी चयन में इन दोनों सीटों को होल्ड पर रखे जाने से संभावित दावेदारों की धड़कनें बढ़ गई हैं। बता दें कि प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति ने सभी सीटों के लिए 55 नामों का पैनल तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को भेजा था।