उत्तराखंड पिथौरागढ़91 Muslim shopkeepers ordered to leave Dharchula

उत्तराखंड: धारचूला में 91 मुस्लिम दुकानदारों को इलाका खाली करने के आदेश, जानिये क्या है मामला

उत्तराखंड: धारचूला में 91 मुस्लिम दुकानदारों को इलाका खाली करने के आदेश, जानिये क्या है पूरा मामला

Dharchula: 91 Muslim shopkeepers ordered to leave Dharchula
Image: 91 Muslim shopkeepers ordered to leave Dharchula (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में अल्पसंख्यक वर्ग के 91 दुकानदारों की दुकानों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इनमें 85 दुकानें मुस्लिम समुदाय की हैं। एक मुस्लिम युवक द्वारा दो लड़कियों का अपहरण किया गया जिसके बाद से स्थानीय व्यापारी संघ बाहरी लोगों को दुकानें देने का विरोध कर रहे हैं।

91 Muslim shopkeepers ordered to leave Dharchula

उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में 'प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल-धारचूला' ने साल 2000 के बाद धारचूला में आए 91 दुकानदारों के पंजीकरण को रद्द कर दिया है। ज्यादातर इन दुकानदारों का समुदाय मुस्लिम है। व्यापार मंडल-धारचूला ने एक अभियान चलाया है जिसमें स्थानीय लोगों से कहा जा रहा है कि वे मुस्लिम समुदाय के लोगों को दुकानें और घर किराए पर न दें। मंडल के महासचिव महेश गर्बियाल ने बताया कि इन 91 दुकानदारों में से लगभग 85 मुस्लिम समुदाय के और अन्य हिन्दुओं के हैं। जो 2000 के बाद धारचूला में आए हैं, जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग हो गया था।

पूरा मामला क्या है ?

इस पूरी घटना की शुरुआत 1 फ़रवरी को सामने आई। जब अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा धारचूला की दो नाबालिग लड़कियों को कथित तौर पर बहला-फुसलाकर बरेली ले जाया गया। जिसके बाद स्थानीय लोगों को पता चलने पर लोग सड़कों पर उतर आए और बाजार में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई। आगे पढ़िए..

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पुलिस ने बरेली से 4 फरवरी को दोनों लड़कों को रेस्क्यू किया और अपहरण करने वाले दो मुस्लिम व्यापारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 363 (अपहरण) और 376 (यौन उत्पीड़न) सहित संबंधित धाराओं और POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है।

91 दुकानदारों का रजिस्ट्रेशन क्यों हुआ रद्द ?

पुलिस ने पिथौरागढ़ में रहने वाले सभी ‘बाहरी’ लोगों का वेरिफिकेशन फिर से शुरू करने का फैसला किया और वहीं धारचूला व्यापार संघ ने अपने सभी व्यापारियों के मेंबरशिप रजिस्ट्रेशन कैंसल करने का निर्णय लिया। जिसके बाद धारचूला व्यापार संघ के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह थापा ने सभी 630 व्यापारियों की सदस्यता रद्द कर दी है और कहा व्यापारियों का नया रजिस्ट्रेशन पुलिस वेरिफिकेशन के बाद ही किया जाएगा और केवल उन्हीं व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जो साल 2000 से धारचूला में व्यापार कर रहे हैं।
इसके बाद व्यापार संघ ने 91 बाहरी व्यापारियों की पहचान की और उनके रजिस्ट्रेशन रद्द कर उन्हें दुकानें बंद करके वहां से चले जाने का अल्टीमेटम दे दिया। व्यापारियों द्वारा बाजार में मार्च निकालकर घोषणा की गई कि ‘बाहरी’ व्यापारी धारचूला से चले जाएं। साथ ही दुकान मालिकों से 'बाहरी लोगों' को किराये पर दी गई दुकानों को खाली कराने की अपील की गई।

न्यायाधीश ने की शांति की अपील

प्रभावित व्यापारियों का एक समूह ने पिथौरागढ़ प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर उनसे इलाके में कारोबार करने की अनुमति के लिए गुजारिश की। धारचूला के उप प्रभागीय न्यायाधीश मंजीत सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा हम जल्द ही उन व्यापारियों के संघ के नेताओं के साथ बातचीत करके मामले को शांत करने की कोशिश करेंगे। मंजीत सिंह के मुताबिक इस पूरे मामले में शांति स्थापित करने के लिए बैठकें कराई गई और सभी पक्षों को समझाने की कोशिश की गई है और उन्होंने कहा कि दुकानें 18 मार्च से खुली हैं और स्थिति सामान्य है।