उत्तराखंड देहरादूनEducation Has Become Expensive in Uttarakhand

Uttarakhand: महंगी हुई पढ़ाई, ग्रेजुएशन और पोस्‍ट-ग्रेजुएशन के छात्रों को करनी होगी जेब ढीली

महंगाई की मार आम जनता को खाए जा रही है एक के बाद एक हर चीज पर महंगाई बढ़ रही है, कभी बिजली तो कभी दूध के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है और अब शिक्षा भी प्रदेश में महँगी होने जा रही है।

Education Has Become Expensive : Education Has Become Expensive in Uttarakhand
Image: Education Has Become Expensive in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों से ग्रेजुएशन और पोस्‍ट-ग्रेजुएशन कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रतिमाह लगभग 200 रुपये शुल्क अधिक देना होगा, साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर बढ़े अन्य शुल्क भी लिए जाएंगे।

Education Has Become Expensive in Uttarakhand

प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से लगभग हर चीज महँगी होती जा रही है खाने से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा। आए दिन महंगाई कम होने की बजाय आसमान चढ़ रही है। इस बार राज्य सरकार ने महाविद्यालयों के वार्षिक शुल्क में इजाफा किया है। शासन ने राजकीय महाविद्यालयों के लिए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में शुल्क का एक नया ढांचा लागू कर दिया है। प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में पहले स्नातक स्तर पर लगभग 1650 रुपए वार्षिक शुल्क लिया जाता था जो अब स्नातक कक्षाओं में 1871 रुपये एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में 1878 रुपये वार्षिक शुल्क लिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से राजकीय महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष लगभग 200 रुपये शुल्क अधिक देना होगा।

अतिरिक्त देना होगा 240 रुपए महंगाई शुल्क

शासन द्वारा निर्धारित शुल्क में विश्वविद्यालय द्वारा लिया जाने वाला परीक्षा शुल्क शामिल नहीं है। यह शुल्क विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार ऑनलाइन परीक्षा आवेदन भरते समय ऑनलाइन जमा किया जाएगा। नए शुल्क ढांचे के अनुसार 26 अलग-अलग चीजों के लिए शुल्क लिया जाएगा। इसमें प्रवेश शुल्क 3 रुपये, पुस्तकालय शुल्क स्नातक स्तर पर 3 रुपये और स्नातकोत्तर स्तर पर 10 रुपये, विकास शुल्क 20 रुपये निर्धारित किया गया है। महंगाई शुल्क के रूप में 240 रुपये और प्रयोगशाला शुल्क के रूप में भी 240 रुपये छात्र-छात्राओं से लिए जाएंगे।

महाविद्यालय दिवस के साथ अन्य शुल्कों में भी हुई वृद्धि

सभी छात्र व छात्राओं को जल और बिजली शुल्क के रूप में 60 ₹ देना होगा। इसके अलावा वाचनालय शुल्क 50 ₹, विविध शुल्क 100 ₹, विभागीय परिषद शुल्क 50 ₹ लिया जाएगा। परिचय पत्र के लिए 25 ₹, निर्धन छात्र सहायता शुल्क 10 ₹, रोवर रेंजर के लिए 30 ₹, छात्रसंघ के लिए 45 ₹ और महाविद्यालय दिवस के लिए 20 ₹ का भुगतान करना होगा। महाविद्यालय प्रांगण विकास के लिए 50 ₹, सांस्कृतिक परिषद के लिए 45 ₹, जेनरेटर शुल्क 50 ₹ और कंप्यूटर इंटरनेट शुल्क 80 ₹ भी छात्रों से लिए जायेंगे।

कैरियर काउंसिलिंग और क्रीड़ा शुल्क भी तय

कैरियर काउंसिलिंग के लिए 30 ₹, प्रयोगशाला सामग्री के लिए 60 ₹, प्रायोगिक मौखिक शुल्क प्रति विषय 50 ₹, प्रसाधन के लिए 50 ₹ और पीटीए के लिए 30 ₹ का भुगतान करना होगा। काशनमनी के रूप में 200 ₹ और नए शुल्क ढांचे में क्रीड़ा शुल्क 300 ₹ भी शामिल किए गए हैं। शासनादेश के अनुसार क्रीड़ा शुल्क का विश्वविद्यालय अंश, महासंघ शुल्क और विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद शुल्क विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित किया जाएगा और इसे परीक्षा शुल्क के साथ जमा किया जाएगा। शासकीय सहायता से संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का शुल्क के शुल्क का भुगतान भी अलग से करना होगा।