रुद्रप्रयाग: बरसात शुरू होते ही रेत और बजरी 40 से 45 फीसदी तक महंगी हो गई है। जिसके कारण अब मकान बनाने की लागत में एक से दो प्रतिशत का इजाफा हुआ है और आने वाले दिनों में भी रेत और बजरी की कीमतों में और बढ़ोतरी होगी।
Building Dream Home gets Expensive in Uttarakhand
प्रदेश में मानसून आ गया है और इसके साथ बारिश का दौर शुरू हो चुका है। जिस कारण नदियों का जल स्तर बढ़ने से खनन नहीं हो पाता है और इससे रेत-बजरी की किल्लत शुरू हो जाती है जिसका सीधा फायदा खनन माफियाओं को पहुँचता है। लेकिन इस साल बरसात देर में आई और अभी तक नदियों ने उफान मारना शुरू भी नहीं किया पर फिर भी रेत-बजरी के दाम बढ़ने लगे हैं। बताया जा रहा है कि कई स्थानों पर बड़ी मात्रा में अभी से रेत-बजरी को डंप किया जा रहा है जिससे बाजार में किल्लत बढ़ गई है और रेट बढ़ना शुरू हो गए हैं।
पीवीसी पाइप के भी बढ़े दाम
कॉन्ट्रेक्टर बताते हैं कि वर्तमान में रेत की कीमत 90 रुपये से बढ़कर 130 रुपये प्रति कुंतल हो गई है, जिससे प्रति कुंतल में 40 रुपये की सीधी बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह बजरी की कीमत भी 95 रुपये से बढ़कर 135 रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गई है। इसके अलावा पीवीसी पाइप भी 10 प्रतिशत महंगा हो गया है। भवन निर्माण में उपयोग होने वाले पीवीसी पाइप की कीमत में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। एक सप्ताह पहले पीवीसी पाइप का बंडल (25 पाइप) 1700 रुपये का था, जो अब बढ़कर 1900 रुपये हो गया है।
आम आदमी पर पड़ेगा असर
भवन निर्माण की सामग्रियों के बढ़े हुए दाम का सीधा असर आम आदमी की जेब पर होगा। जब कोई 100 गज की जमीन पर दो मंजिला इमारत का निर्माण करता है तो लगभग 35 लाख का खर्चा आता है। जिसे बनाने में 30 से 40 टन रेत और 50 से 60 टन बजरी की आवश्यकता पड़ती है। क्यूंकि अब रेट बढ़ चुके हैं तो 30 टन रेत 27000 हजार की तुलना में अब 39000 रुपये की पड़ेगी और 50 टन बजरी की कीमत 47500 से बढ़कर 67500 रुपये हो जाएगी। इतना ही नहीं आने वाले दिनों में रेत-बजरी के दाम 150 रुपए प्रति कुन्तल तक पहुँच सकता है। इसका सीधा फायदा खनन माफियाओं की जेब में जाएगा।