देहरादून: केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा के तहत शिक्षा विभाग को 1196 करोड़ रुपये स्वीकृत किए, फिर भी प्रदेश के 2617 विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय तक नहीं हैं। बरसात में हजारों बच्चों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, शिक्षा विभाग ने बताया कि कई विद्यालयों में सफाई न होने के कारण शौचालय बंद हैं।
No Toilets in 2617 Govt. Schools of Uttarakhand
शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालयों को हाईटेक बनाए जाने के दावे किए जाते हैं, लेकिन तमाम सरकारी प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। सफाई न होने के कारण कई विद्यालयों में शौचालय बंद हैं, जिससे बरसात के इस मौसम में छात्र-छात्राओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालयों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय जैसी अति संवेदनशील समस्या पर अभिभावकों, शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों की लापरवाही चिंता का विषय है।
1196 करोड़ स्वीकृति के बावजूद भी लापरवाही
चालू वित्त वर्ष में शिक्षा विभाग को केंद्र सरकार से समग्र शिक्षा के तहत 1,196 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक है। 1,011 प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों के लिए और 841 प्राथमिक विद्यालयों में लड़कों के लिए शौचालय की सुविधा नहीं है। पिछले वर्ष की तुलना में इन विद्यालयों में लड़कियों के लिए केवल 319 और लड़कों के लिए केवल 248 शौचालय बनाए जा सके हैं। जब बजट की कमी नहीं है तो सालभर के भीतर शौचालय निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा? यह स्थिति तब है जब पिछले वर्ष 154 प्राथमिक विद्यालयों बंद हो चुके हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा ही जारी किए गए हैं आकड़े
सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लड़के और लड़कियों के लिए शौचालय सुविधाओं की स्थिति के आंकड़े किसी निजी संस्थान द्वारा नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग द्वारा यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यू-डायस) पर अपलोड किए गए हैं। पिछले वर्ष लड़कों के लिए 1,089 प्राथमिक विद्यालय शौचालय विहीन थे, जिनमें से केवल 248 में ही एक वर्ष के भीतर शौचालय बन पाए। इसी प्रकार पिछले वर्ष 1,330 विद्यालयों में छात्राओं के लिए शौचालय नहीं थे, जिनमें से इस वर्ष केवल 329 विद्यालयों में शौचालय बन पाए हैं। जब पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय बन सकते हैं, तो बाकी विद्यालयों को इस मामले में मोहलत क्यों दी जा रही है, यह एक गंभीर सवाल है, जिस पर सरकार को ध्यान देते हुए विभाग को सख्त निर्देश जारी करने चाहिए ताकि सभी विद्यालयों में शौचालय सुविधाएं जल्द से जल्द सुनिश्चित की जा सकें।