उत्तराखंड बागेश्वरMayank Becomes Conditioning Coach of The Indian Wrestling Team

Uttarakhand: ओलंपिक के लिए भारतीय कुश्ती टीम को कोच करेंगे नाकुरी गांव के मयंक

प्रदेश के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, आज वे राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना रहे हैं और साथ ही उत्तराखंड का नाम भी रोशन कर रहे हैं।

Indian Wrestling Team Coach: Mayank Becomes Conditioning Coach of The Indian Wrestling Team
Image: Mayank Becomes Conditioning Coach of The Indian Wrestling Team (Source: Social Media)

बागेश्वर: किरोली नाकुरी गाँव के मयंक सिंह गढ़िया पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए भारतीय कुश्ती टीम के स्ट्रैंथ और कंडीशनिंग कोच के रूप में कार्य कर रहे हैं। ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ भी काम कर चुके हैं मयंक।

Mayank Becomes Conditioning Coach of The Indian Wrestling Team For Paris Olympics

प्रदेश के युवाओं में अद्वितीय क्षमता और प्रतिभा है, आज वे न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपना परचम लहरा रहे हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प ने उन्हें उच्चतम शिखरों तक पहुँचाया है, जिससे पूरे प्रदेश को उन पर गर्व है। वे अपने अद्वितीय कौशल और नवाचार के साथ हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रहे हैं और भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जनपद बागेश्वर के मयंक सिंह गढ़िया स्पेन में आयोजित प्री-ओलंपिक कैंप में भारतीय पहलवानों की पेरिस ओलंपिक तैयारी में जुटे हुए हैं। मयंक पिछले नौ महीनों से भारतीय ओलंपिक कार्यक्रम का हिस्सा रहे हैं और इससे पहले वे बंगलुरु में भारतीय एथलीटों के साथ थे। वर्तमान में मयंक ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट इंडिया के माध्यम से भारतीय ओलंपिक कार्यक्रम में अपना योगदान दे रहे हैं।

बैटमिंटन स्टार पीवी सिंधु के साथ भी काम कर चुके हैं मयंक

मयंक ने भारतीय कुश्ती टीम के साथ जुड़ने से पहले, भारतीय बैडमिंटन स्टार और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु के साथ काम किया था। उन्होंने बताया कि भारतीय पहलवान स्पेन में ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं और वे पहलवानों की शारीरिक कंडीशनिंग और प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए भूमिका निभाएंगे। भारतीय कुश्ती दल में विनेश फोगाट सहित कुल छह पहलवान शामिल हैं। मयंक सेवानिवृत सूबेदार पूरन सिंह गढ़िया और कलावती देवी के पुत्र हैं। भारतीय कुश्ती टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच के रूप में नियुक्त होने से उनके घर-परिवार और स्थानीय क्षेत्र में खुशी और गर्व का माहौल है।