उत्तराखंड चमोलीAmarnath Namboodri became the new Rawal of Badrinath Dham

बदरीनाथ धाम के नए रावल बने 30 वर्षीय अमरनाथ नंबूदरी, इन रस्मों को करना होगा पूरा

मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन करने के बाद, बदरीनाथ धाम में पूजा-पाठ का कार्य नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी को सौंप दिया गया है।

New Rawal in Badrinath Dham: Amarnath Namboodri became the new Rawal of Badrinath Dham
Image: Amarnath Namboodri became the new Rawal of Badrinath Dham (Source: Social Media)

चमोली: बदरीनाथ धाम के इक्कीसवें रावल 30 वर्षीय नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी रविवार को बदरीनाथ के प्रभारी रावल का कार्यभार सम्भालेंगे। उन्हें रावल पद पर विराजमान करने के लिए शनिवार से बदरीनाथ धाम में प्रात: 9 बजे से धार्मिक अनुष्ठान शुरू किए गए हैं।

Amarnath Namboodri became the new Rawal of Badrinath Dham

रावल के सेवानिवृत्ति के बाद नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी अब भगवान बदरी विशाल की पूजा-पाठ का कार्य संभालेंगे। उल्लेखनीय है कि निवृत्त रावल ने स्वास्थ्य से संबंधित कारणों से स्वैच्छिक रूप से सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था। अग्रिम आदेशों के तक नायब रावल को प्रभारी रावल के रूप में कार्यभार सौंपा गया है। उन्हें पूजा-अर्चना का कार्यभार संभालने के लिए धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार 13 और 14 जुलाई को दो दिन तक विभिन्न अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। इन धार्मिक अनुष्ठानों के समाप्त होने के बाद 14 जुलाई से प्रभारी रावल अमरनाथ नंबूदरी पूजा-अर्चना करेंगे।

सभी रश्मों को पूरा करने के बाद करेंगे मंदिर में प्रवेश

शुक्रवार को बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने अध्यक्ष अजेंद्र अजय की स्वीकृति के बाद रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेते हुए और नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी को प्रभारी रावल के रूप में कार्यभार सौंप दिया। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी को पूजा-अर्चना के कार्य से पूर्व उनका 13 जुलाई को मुंडन करने के बाद हवन और शुद्धिकरण किया जाएगा। 14 जुलाई को वे बदरीनाथ स्थित पंच धाराओं के जल से स्नान करेंगे और फिर पंच शिलाओं - नारद शिला, नरसिंह शिला, वराह शिला, गरुड़ शिला और मार्कण्डेय शिला का दर्शन करेंगे। इसके बाद नये रावल बाल भोग के पश्चात मंदिर गर्भगृह में रावल से छड़ी प्राप्त कर पहली बार बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश करेंगे।