उत्तराखंड देहरादूनBig change in the education system of Uttarakhand

Uttarakhand News: इस नई व्यवस्था के तहत शिक्षक चढ़ेंगे पहाड़, कैबिनेट में पारित होगा प्रस्ताव

पहाड़ों में शिक्षकों की काफी ज्यादा कमी है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। यह कमी बच्चों के भविष्य और उनके शिक्षा के स्तर को भी प्रभावित कर रही है। इसलिए राज्य सरकार एक नई व्यवस्था बनाने जा रही है।

Uttarakhand education system: Big change in the education system of Uttarakhand
Image: Big change in the education system of Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने और अधिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की योजना है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन की अध्यक्षता में विभाग ने इस मुद्दे पर बैठक की है। अब विभाग इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।

Preparation to Change The System For Teacher Availability in Remote Areas

वर्ष 2021 में सरकार ने प्रदेश के 155 राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेजों के नाम और बोर्ड बदलकर उन्हें राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालय बना दिया था। इन विद्यालयों को सीबीएसई से मान्यता दी गई, लेकिन विभाग के प्रयासों के बावजूद, विशेषकर पहाड़ के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। विभाग का मानना है कि इसका कारण पूर्व में इन विद्यालयों को लेकर जारी किए गए शासनादेश हैं, जिसमें सुगम में तैनात शिक्षकों की सेवाओं को दुर्गम सेवा के रूप में जोड़ा गया है।

रोटेशन के आधार पर होगी शिक्षकों की तैनाती

वास्तव में पिछले कई साल से सुगम क्षेत्र में तैनात शिक्षक जब सुगम क्षेत्र के अटल उत्कृष्ट विद्यालय में नियुक्त होते हैं, तो उनकी सेवा को दुर्गम क्षेत्र की सेवा में गिना जा रहा है। कुछ अधिकारियों का मानना है कि बिना वास्तव में दुर्गम क्षेत्र में सेवा किए इन शिक्षकों की दुर्गम सेवा जोड़ने से वे कभी पहाड़ नहीं जा सकेंगे। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन का कहना है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में वर्तमान व्यवस्था को और बेहतर बनाया जाएगा। रोटेशन के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की कोशिश की जा रही है।

अच्छा प्रदर्शन न करने वाले शिक्षकों को हटाया जाएगा

इसके अलावा उन शिक्षकों को जो बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं, इन विद्यालयों से हटाया जाएगा। इन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की बोर्ड फीस काफी अधिक है। इस फीस को कम करने और एक अलग कैडर बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। विभाग की इस बैठक के बाद विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में एक और बैठक होगी। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने कहा कि पिछले शासनादेश में यह प्रावधान है कि जहां शिक्षक नियुक्त हैं, वहां उनकी दुर्गम सेवा जोड़ी जाएगी। इस कारण से शिक्षकों के तबादले नहीं हो पा रहे हैं। अब शिक्षकों का प्रदर्शन देखकर ही फैसला लिया जाएगा, अच्छा प्रदर्शन न करने वाले शिक्षकों को हटाया जाएगा।