उत्तराखंड देहरादूनPMO and CBI Have Taken Notice of Sainya Dham Construction Scam

Dehradun: PMO तक पंहुची सैन्य धाम निर्माण में बड़े घोटाले की खबर, अब CBI ने लिया संज्ञान

राजधानी देहरादून के पुरुकुल में सैन्य धाम का निर्माण हो रहा है। PM मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है और CM धामी इसे 5वां धाम कहते है। लेकिन इसमें बड़े स्तर का घोटाला चल रहा है जिसके चलते कुछ दिन पहले एक आरटीआई एक्टिविस्ट को भी जिलाबदर कर दिया गया।

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Sainya Dham Construction Scam: PMO and CBI Have Taken Notice of Sainya Dham Construction Scam
Image: PMO and CBI Have Taken Notice of Sainya Dham Construction Scam (Source: Social Media)

देहरादून: पुरुकुल में बन रहे सैन्य धाम के लिए पूरे प्रदेश के शहीदों के आंगन की मिट्टी लाई गयी है। आरटीआई में खुलासा हुआ है कि सैन्य धाम का निर्माण भी भ्रष्टाचार की ईंटों से हो रहा है। एडवोकेट विकेश नेगी ने इस पूरे मामले की शिकायत सीबीआई से की है। जिसके बाद गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर किए गए आरटीआई एक्टिविस्ट और अधिवक्ता विकेश नेगी की शिकायत पर सैन्य धाम निर्माण घोटाले के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय और सीबीआई ने संज्ञान लिया है और मुख्य सचिव को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है।

PMO and CBI Have Taken Notice of Sainya Dham Construction Scam

राज्य गठन से लेकर अब तक 350 से भी अधिक उत्तराखंड के जवान देश पर कुर्बान हो चुके हैं। देश सेवा और देश प्रेम हमें विरासत में मिला है। हमें इन रणबांकुरों की वीरता और शहादत पर गर्व है लेकिन तब हमारा सिर शर्म से झुक जाता है जब देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले इन शहीदों के नाम पर ही कमीशन और घोटालों का खेल हो। ऐसा ही कुछ खुलासा किया है आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने सीबीआई को शिकायत की है कि सैन्य धाम का पहला टेंडर 48 करोड़ का था जिसमें सिर्फ दो कंपनियों ने भाग लिया। टेंडर निरस्त कर दोबारा जारी किया गया और फिर से वही दो कंपनियाँ शामिल हुईं। दोनों कंपनियों की बिड एक ही जगह से नोटराइज्ड थी, जिससे साफ है कि टेंडर में ही झोल था। टेंडर 49 करोड़ में शिव कुमार अग्रवाल को मिला और एक करोड़ का कंटीजेंसी एमाउंट माफ कर दिया गया। आरटीआई से पता चला कि इतनी बड़ी राशि का टेंडर प्रशासनिक अनुमति के बिना जारी हुआ था।

48 करोड़ का प्रोजेक्ट एक साल में बढ़कर हुआ 99 करोड़

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार पेयजल निगम ने सैन्य धाम प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी विकासनगर यूनिट के प्रोजेक्ट मैनेजर रविंद्र कुमार को दी थी। जब उनका तबादला देहरादून हुआ, तो उन्होंने जेई शीतल गुरुंग और एई संजय यादव को भी साथ ले लिया। एडवोकेट नेगी ने बताया कि इन इंजीनियरों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण 48 करोड़ का प्रोजेक्ट एक साल में 99 करोड़ तक बढ़ गया। आरटीआई से यह भी खुलासा हुआ कि सैन्य धाम में उपयोग किए गए मटिरियल की क्वालिटी और दाम में घोटाला हुआ है और ठेकेदार को निविदा शर्तों के विपरीत अग्रिम भुगतान किया गया है। अब तक 35 करोड़ 94 लाख का भुगतान किया जा चुका है और बिना निविदा के ही लगभग 7 करोड़ 75 लाख रुपये का अतिरिक्त कार्य भी आवंटित कर दिया गया।

घोटाले में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार ठेकेदार शिवकुमार अग्रवाल की बिड कैपिसिटी लगभग 56 करोड़ है, लेकिन प्रोजेक्ट का खर्च अब लगभग 100 करोड़ हो चुका है। उन्होंने इस मामले की शिकायत सीबीआई, पीएमओ और सीवीसी को दस्तावेजों समेत पत्र भेजकर की है। विकेश नेगी का मानना है कि इस मामले की तुरंत जांच होनी चाहिए और यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो दोषी अधिकारियों, इंजीनियरों और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यह प्रोजेक्ट शहीद सैनिकों और उनके परिवारों की आस्था से जुड़ा है और उनकी आस्था से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।

पीएमओ व सीबीआई ने मुख्य सचिव को भेजा पत्र

एडवोकेट विकेश नेगी ने 15 जुलाई को सैन्य धाम निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत सीबीआई और पीएमओ को भेजी थी, जिसमें टेंडर प्रक्रिया और लागत में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था। पीएमओ ने 22 जुलाई और सीबीआई की दून शाखा ने 25 जुलाई को प्रदेश शासन की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को पत्र भेजकर मामले की जांच के निर्देश दिए। सीबीआई ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया कि वे इस मामले की जांच नहीं कर रहे हैं, बल्कि प्रदेश शासन को अपने स्तर पर जांच करनी होगी। विकेश नेगी ने मीडिया के सामने दस्तावेज पेश कर घोटाले का खुलासा किया था, जिसमें बताया गया था कि सैन्य धाम का टेंडर 48 करोड़ से बढ़कर 99 करोड़ हो गया और निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई थी।

शासन की कार्रवाई पर टिकी सबकी निगाहें

इसके बाद 25 जुलाई को जिला पुलिस-प्रशासन ने विकेश नेगी को जिला बदर कर दिया। पुलिस की जांच रिपोर्ट में विकेश पर दर्ज विभिन्न मुकदमों का जिक्र किया गया था। उनके जिला बदर के फैसले का विभिन्न संगठनों, बार एसोसिएशन और आरटीआई क्लब ने विरोध किया है। अब पीएमओ और सीबीआई के पत्रों के बाद शासन की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं। शासन को इस मुद्दे पर उठाए गए कदम की जानकारी पीएमओ पोर्टल पर भी साझा करनी होगी। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा है कि सैन्य धाम का निर्माण अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा।