पिथौरागढ़: अयोध्या में भगवान श्रीराम को पहनाए जाने वाले विशेष वस्त्र में उत्तराखंड की पारंपरिक ऐपण कला की झलक देखने को मिली। यह शुभवस्त्रम पिथौरागढ़ की ऐपण गर्ल निशु पुनेठा द्वारा तैयार किया गया था, जिससे अयोध्या में एक अलग ही चमक देखने को मिली।
Aipan Girl Nishu Punetha Decorated Ramlala With Shubhavastram
अयोध्या में भगवान श्रीरामलाल का दिव्य विग्रह देवभूमि की प्रसिद्ध ऐपण कला से सुसज्जित शुभवस्त्रम में सजाया गया। यह शुभवस्त्रम न केवल उत्तराखंड की पारंपरिक कला और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि इसने राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को राष्ट्रीय स्तर पर एक नया गौरवशाली अध्याय जोड़ा। इन शुभवस्त्रों को उत्तराखंड के कुशल शिल्पकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से तैयार किया और मुख्यमंत्री ने इसे अयोध्या पहुंचाकर श्रीराम मंदिर में भेंट किया। इस शुभवस्त्रम में प्रदेश की ऐपण कला के साथ-साथ भक्ति और श्रम साधकों की अद्वितीय शिल्पकला का अद्भुत समन्वय भी देखने को मिलता है, जिसने उत्तराखंड की सांस्कृतिक छवि को और अधिक प्रखर बना दिया है।
ऐपण गर्ल ने भगवान श्री राम के लिए बनाया विशेष वस्त्र
जनपद पिथौरागढ़ की निशु पुनेठा ने अपने हाथों से ऐपण कला से भगवान श्री राम के लिए विशेष वस्त्र बनाए, जिन्हें अयोध्या राम मंदिर में रामलला को ओढ़ाया गया। निशु पुनेठा ऐपण में एक पेशेवर डिजाइनर हैं। वह पहले भी चर्चा में आई थीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुमाऊं दौरे के दौरान उन्होंने अपने हाथ से बनी वस्तुओं को पीएम मोदी तक पहुंचाया था। राज्य सरकार भी उनके काम की सराहना कर चुकी है और उन्हें देवभूमि की ऐपण गर्ल के नाम से जाना जाता है। अयोध्या में भगवान श्री राम को विभिन्न राज्यों की पोशाक पहनाई जाती है और इसी क्रम में उत्तराखंड की लोककला ऐपण को कपड़े पर उकेरकर उन्हें पहनाया गया। इन सफेद और लाल वस्त्रों में उत्तराखंड की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। सीएम धामी ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भगवान श्री राम ने उत्तराखंड की कला से बने वस्त्रों को धारण किया।
उत्तराखंड की ऐपण कला एक सांस्कृतिक धरोहर
उत्तराखंड विशेषकर कुमाऊं में मंगल कार्य, देव पूजा और त्योहारों जैसे शुभ अवसरों पर घरों में ऐपण बनाने की एक प्राचीन परंपरा है। ऐपण को शुभ माना जाता है और आज भी पहाड़ों में इनकी बनावट देखी जाती है। ऐपण को पिसे हुए चावल, प्राकृतिक लाल मिट्टी, गेरू और विभिन्न रंगों का उपयोग करके तैयार किया जाता है। महिलाएं रंग-बिरंगे ऐपण या रंगोलियों का निर्माण कर घर, आंगन और मंदिरों की सजावट करती हैं, जिससे वातावरण में एक खास सुंदरता और रंगत जुड़ जाती है।