देहरादून: होमस्टे योजना में आवेदन करने वालों में से अधिकांश आवेदन भवन स्वामियों के न रहने के कारण निरस्त हुए हैं। आइए जानते हैं उत्तराखंड में कुल कितने होमस्टे हैं और इनके लिए क्या मानक सरकार ने तय किये हैं।
3813 Applications Rejected For Uttarakhand Homestays Scheme
उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने और पर्यटकों के लिए उचित दर पर ठहरने की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा लागू की गई होमस्टे योजना में 3,813 होमस्टे संचालकों ने विभाग के मानकों का पालन नहीं किया। ऐसे होमस्टे के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। वास्तव में वर्ष 2016 में पर्यटन विभाग ने सब्सिडी के तहत लोगों को होमस्टे संचालित करने का अवसर प्रदान करने के लिए यह योजना शुरू की थी। इस प्रक्रिया में आवेदकों को पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना आवश्यक होता है और इसके लिए कुछ अनिवार्य शर्तें और मानक निर्धारित किए गए हैं। फिर जिला पर्यटन विकास अधिकारी आवेदक के होमस्टे का सत्यापन करते हैं। यदि मानक पूरे होते हैं, तो होमस्टे का पंजीकरण किया जाता है। वर्तमान में उत्तराखंड के 13 जिलों में 7,663 होमस्टे संचालित हैं। जिन होमस्टे में बेहतर व्यवस्था होती है, उन्हें ए, बी और सी श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है और बाद में विभाग की ओर से उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाता है।
होमस्टे पंजीकरण के मानक
होमस्टे को पूरी तरह से आवासीय परिसर के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए, जहां भवन स्वामी अपने परिवार के साथ निवास करता हो। इसमें किराए पर उपलब्ध कमरों की संख्या अधिकतम छह और न्यूनतम एक होनी चाहिए। हर होमस्टे को हवादार और प्रकाशयुक्त होना आवश्यक है, साथ ही शौचालय और विद्युत सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए। इसके अलावा होमस्टे में अग्निशमन सुरक्षा से संबंधित उपकरण होने चाहिए। आवेदक के नाम पर होमस्टे की रजिस्ट्री भी अनिवार्य है और पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह भी उपलब्ध होनी चाहिए।
होमस्टे संचालन को दिशा-निर्देश
भवन स्वामी होमस्टे में होटल की तरह स्वागत पटल और काउंटर स्थापित नहीं करेगा। इसके अलावा होमस्टे संचालक को ऐसी कोई गतिविधि नहीं करनी होगी, जिससे आसपास के निवासियों को समस्या उत्पन्न हो। होमस्टे संचालक को अपने विषय में भ्रामक सूचनाएं फैलाने से भी बचना होगा। इसके अलावा वे किसी भी प्रकार की दलाली में संलिप्त होने नहीं होने चाहिए।