उत्तराखंड देहरादूनTransport Corporation will get 130 new TATA buses

Uttarakhand News: परिवहन निगम को मिलेंगी टाटा की 130 नई बसें, उत्तराखंड के इन 13 डिपो में लगेंगी

उत्तराखंड परिवहन निगम यात्रा को सुगम बनाने के लिए 15 अक्टूबर तक 130 नई बसें खरीदने जा रहा है। इन बसों के आने से पहाड़ी इलाकों में यात्रा करना सुरक्षित व सुलभ भी होगा।

130 New TATA Buses: Transport Corporation will get 130 new TATA buses
Image: Transport Corporation will get 130 new TATA buses (Source: Social Media)

देहरादून: परिवहन निगम को टाटा कंपनी की ओर से 130 रोडवेज बसें 15 अक्टूबर तक मिलने वाली है। इन बसों की जांच के लिए राज्य की परिवहन निगम की एक विशेषज्ञ टीम गोवा गई हुई है। इसके लिए परिवहन निगम ने टाटा कंपनी के अधिकारियों को पत्र लिखकर तकनीकी कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण का अनुरोध किया।

Transport Corporation will get 130 new TATA buses

उत्तराखंड सरकार की इस पहल से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं क्योंकि इन नई बसों को चलाने के लिए चालकों और कर्मचारियों की भी आवश्यकता होगी। जानकारी के अनुसार इन बसों को SCGL गोवा में तैयार किया गया है। इन बसों की जांच के लिए राज्य की परिवहन निगम की एक विशेषज्ञ टीम गोवा गई हुई है। बताया जा रहा है कि इनकी खरीद लंबे समय से अटकी हुई थी। इससे पहले बसों की खरीद में कई खामियां आई थी, इसलिए इस बार बसों को खरीदने से पहले कंपनी में ही जांच कराई जा रही है। ताकि बाद में बस से संबंधित कोई भी परेशानियां सामने न आये।

इन 13 डिपो को मिलेंगी नई बसें

उत्तराखंड परिवहन निगम अल्मोड़ा, भवाली, रानीखेत, बागेश्वर, काठगोदाम, हलद्वानी, रामनगर, लोहाट, पिथौरागढ़, माउंटेन डिपो, ऋषिकेश, श्रीनगर और कोटद्वार डिपो को नई बसें देने की तैयारी कर रहा है। परिवहन निगम के महाप्रबंधकअनिल सिंह गर्ब्याल ने टाटा कंपनी को पत्र भेजा, जिसमे लिखा गया था कि उत्तराखंड रोडवेज पहली बार इन बसों का संचालन करेगा और इसलिए BS 6 मॉडल बसों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इसके लिए महाप्रबंधक अनिल सिंह गर्ब्याल ने राज्य के सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधकों के नंबर कंपनी से सांझा किए। जल्द ही डिपो के तकनीकी कार्मिकों और चालकों को प्रशिक्षण देने की मांग की है। उनके पत्र के जरिए उन्होंने सॉफ्टवेयर से संबंधित भी सभी जानकारी देने की भी मांग की है। ताकि बसों का संचालन करने में आसानी हो सके।