उत्तराखंड देहरादूनCommittee submitted final report to CM UCC to implemented on time

उत्तराखंड: UCC समिति ने CM धामी को सौंपी अंतिम रिपोर्ट, तय समय पर लागू होगी समान नागरिक संहिता

उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (UCC) समिति ने राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर राज्य मंत्रिमंडल की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।

Uniform Civil Code: Committee submitted final report to CM  UCC to implemented on time
Image: Committee submitted final report to CM UCC to implemented on time (Source: Social Media)

देहरादून: समान नागरिक संहिता को लागू करने की ओर अग्रसर उत्तराखंड की ओर पूरा देश देख रहा है. उत्तराखंड में UCC को लागू करना देश का एक सपना पूरा करने सरीखा है जिसके लिए लंबी लडाई लड़ी गयी है. 18 अक्टूबर 2024 को उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (UCC) समिति ने राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है।

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शुक्रवार 18 अक्टूबर को उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता समिति ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए UCC की अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर राज्य मंत्रिमंडल की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी और उसके बाद यूसीसी के राज्य में लागू करने की तारीख की भी घोषणा की जाएगी।
यूसीसी समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि हमारी समिति ने अपना काम पूरा कर लिया है, इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है। अब आगे का कार्यभार और क्रियान्वयन की समयसीमा तय करने का जिम्मा राज्यसभा के हाथों में है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार का कार्यभार संभालने के बाद यूसीसी को प्राथमिकता के तौर पर लेने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले का वादा याद दिलाया और कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता राज्य में यूसीसी लागू करना है।

UCC समिति, जिसने मुमकिन कर दिखाया सपना

UCC के ड्राफ्ट को बनाकर उसे CM धामी के सुपुर्द करने का सबसे मुश्किल काम UCC समिति ने समय पर पूरा किया। अब राज्य स्थापना दिवस से पहले उत्तराखंड ने UCC लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा लिए हैं। इस यूसीसी समिति में पूर्व राज्य मुख्य सचिव आईएएस शत्रुघ्न सिंह, आईपीएस अमित सिन्हा, सुलेखा डंगवाल (वीसी), मनु गौड़, अजय मिश्रा (रेजिडेंट कमिश्नर), मुख्यमंत्री ओएसडी, UCC समिति समन्वयक परितोष सेठ, शैक्षणिक कानून इंटर्न, नियम और विनियम इंटर्न शामिल रहे। इसके अलावा होम गार्ड और पुलिस डिपार्टमेंट भी समिति से जुड़े रहे।

अब आगे क्या होगा

CM धामी के सुपुर्द होने के बाद अब UCC रिपोर्ट विधायी विभाग को जाएगी, जो इसमें उल्लेखित धारायें चेक करेंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री धामी UCC को कैबिनेट में पेश करेंगे और विधेयक पारित होगा, जिसके बाद UCC को उत्तराखंड में लागू कर दिया जाएगा।

क्या हैं UCC की खास बातें

उत्तराखंड यूसीसी विधेयक पारित होने के बाद राज्य में पैतृक संपत्ति के संबंध में सभी धर्मों की महिलाओं के लिए समान उत्तराधिकार का अधिकार मिलेगा। आधिकारिक रूप से पंजीकृत नहीं की गई शादी अमान्य मानी जाएगी, और विवाह के पहले वर्ष के भीतर कोई तलाक याचिका दायर नहीं की जा सकती। बाल विवाह, तलाक, विरासत और लिव-इन रिलेशनशिप सहित पर्सनल लॉ के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण को अनिवार्य बनाया गया है। विधेयक राज्य में बाल विवाह पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाता है और तलाक के लिए एक 'मानकीकृत प्रक्रिया' पेश करता है।