उत्तराखंड देहरादूनCM Dhami start Pravasi Uttarakhandi Sammelan in Doon University

उत्तराखंड: CM धामी ने दून यूनिवर्सिटी से लगाई आवाज, सालभर में अपने पैतृक गांव जरूर आएं प्रवासी

CM धामी ने आज प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन के सम्बन्ध में बड़ी घोषणा की। दून विश्वविद्यालय में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन की शुरुवात मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा बस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देकर की।

Pravasi Uttarakhandi Sammelan: CM Dhami start Pravasi Uttarakhandi Sammelan in Doon University
Image: CM Dhami start Pravasi Uttarakhandi Sammelan in Doon University (Source: Social Media)

देहरादून: दून विश्वविद्यालय में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में CM धामी ने उत्तराखंड रजत जयंती वर्ष का लोगो लॉच किया। मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड की माटी से जुड़े हुए प्रवासियों के शिक्षा, अनुसंधान, ब्यूरोक्रेसी, फिल्म निर्माण, उद्योग, व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किये गए विशिष्ट कार्यों की तारीफ की।

CM Dhami start Pravasi Uttarakhandi Sammelan in Doon University

धामी ने याद दिलाया कि देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान उत्तराखंड से हैं। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस विपिन रावत भी इसी भूमि से थे। धामी ने कहा कि पिछले तीन सालों में उन्हें देश के अनेक राज्यों में पर्वतीय समाज के लोगों से मिलने का अवसर मिला और उन्होंने महसूस किया कि हमारे प्रवासियों के भीतर बसा उत्तराखंड सदैव उनके साथ रहता है। उन्होंने उत्तराखंड की भाषा, संस्कृति और संस्कारों को कभी नहीं छोड़ा।

संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं प्रवासी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंड़ियों को प्रदेश की विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराने और उनकी समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से एक डेडीकेटेड वेबसाइट तैयार की जा रही है। सभी प्रवासियों से अपील है कि कम से कम वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर पर जरूर आएं और अपनी-अपनी विशेषज्ञता के हिसाब से अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दें। आपके सुझावों एवं कार्यों के आधार पर विशिष्ट नीतियां बनाकर उन पर कार्य किया जाएगा।

मिट्टी से पुन: जोड़ने का प्रयास

सीएम धामी ने कहा कि यह प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन सभी को उत्तराखंड की मिट्टी से पुनः जोड़ने का एक प्रयास है। यह ऐसा समागम है जहां सभी प्रवासी भाई बहन न सिर्फ राज्य के अधिकारियों के साथ संवाद कर सकेंगे, बल्कि उन्हें विभिन्न राज्यों में निवासरत अन्य उत्तराखंडी प्रवासियों से भी मिलने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है।

हर क्षेत्र में प्रगति: डॉ. निशंक

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह गौरवशाली क्षण है, आज प्रवासी उत्तराखंडियों ने अपने संघर्ष और परिश्रम के बल पर देश के कोने-कोने में अलग पहचान बनाई है। उत्तराखंड हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। राज्य में कार्य करने के लिए अनेक क्षेत्रों में संभावनाएं हैं।