देहरादून: खेल मंत्री रेखा आर्या ने जानकारी दी कि भारतीय ओलंपिक संघ से खेलों की तारीख तय होने का पत्र विभाग को प्राप्त हो चुका है। इन तिथियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मंजूरी दी है।
38th National Games in Uttarakhand: 28 January to 14 February
उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों में 32 मुख्य और 4 प्रदर्शनी खेलों का आयोजन होगा, जिसमें योगासन और मल्लखंभ जैसे पारंपरिक खेल भी शामिल हैं। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और उत्तराखंड राज्य ओलंपिक संघ (USOA) के बीच 2014 में हुए एमओयू के अनुसार 34 खेलों के आयोजन का प्रस्ताव था, लेकिन हाल ही में आईओए अध्यक्ष पीटी उषा और तकनीकी संचालन समिति (GTCC) की बैठक में इसे संशोधित किया गया। इस संशोधन के तहत 32 मुख्य खेल और 4 प्रदर्शनी खेल स्वीकृत हुए, जबकि घुड़सवारी और सेलिंग को बाहर रखा गया। आईओए अध्यक्ष ने इसे भारतीय परंपरागत और आधुनिक खेलों को बढ़ावा देने वाला ऐतिहासिक आयोजन बताया।
राष्ट्रीय खेलों के 38वें सत्र में ये 32 खेल होंगे शामिल
तीरंदाजी, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, एथलेटिक्स, बॉलिंग, फेंसिंग, मुक्केबाजी और कयाकिंग, साइक्लिंग, जलक्रीड़ा, फुटबॉल, जिम्नास्टिक, हॉकी, गोल्फ, जूडो, कबड्डी, कैनोइंग, हैंडबॉल, मॉडर्न पेंटाथलॉन, नेटबॉल, खो-खो, रोइंग, शूटिंग, स्क्वैश, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन, ट्रायथलॉन, ताइक्वांडो, रग्बी, टेनिस, वॉलीबॉल, कुश्ती और वुशु।
राष्ट्रीय खेलों में परंपरागत खेल रहेंगे बिना पदक
राष्ट्रीय खेलों में परंपरागत खेलों कलारीपयट्टू, योगासन, मलखंभ और राफ्टिंग के मुकाबले तो होंगे, लेकिन पदक तालिका में इन्हें शामिल नहीं किया जाएगा। स्थानीय खिलाड़ियों का मानना है कि अगर इन खेलों को पदक तालिका में जोड़ा जाता, तो राज्य के खिलाड़ियों के प्रदर्शन से उत्तराखंड का स्थान बेहतर हो सकता था। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि उत्तराखंड इन खेलों का जन्मदाता है। इस मुद्दे पर राज्य सरकार केंद्रीय खेल मंत्री और भारतीय ओलंपिक संघ को पत्र लिखकर इन्हें राष्ट्रीय खेलों में शामिल करने का अनुरोध करेगी।