उत्तराखंड देहरादूनKaagaj Nigode - Manu Manasvi s poetry collection

जीवन के कठोर सत्य से रूबरू कराते ‘कागज निगोड़े’

पहाड़ के साहित्यकार मनु मनस्वी के काव्य संग्रह ‘कागज निगोड़े’ की कविताएं जीवन के कई पहलुओं को छूती नजर आती हैं। कविताओं में प्रेम और भूख को इस शिद्दत के साथ पेश किया गया है, मानों इसे वर्षों भोगा गया हो।

Kaagaj Nigode: Kaagaj Nigode - Manu Manasvi s poetry collection
Image: Kaagaj Nigode - Manu Manasvi s poetry collection (Source: Social Media)

देहरादून: दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में पहाड़ के युवा कवि एवं पत्रकार मनु मनस्वी के काव्य संग्रह ‘कागज निगोड़े’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डीएवी पीजी कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राम विनय सिंह, उत्तराखंड महिला संस्था की संस्थापक साधना शर्मा व डॉ. अरूण कुकसाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया।

Kaagaj Nigode - Manu Manasvi's poetry collection

कार्यक्रम का संचालन सपना पांडे ने किया। अंजलि गर्ग ने सरस्वति वंदना की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस अवसर पर काव्य संग्रह के विविध पक्षों पर सार्थक चर्चा भी हुई। साहित्यकार मनु मनस्वी के काव्य संग्रह ‘कागज निगोड़े’ की कविताएं जीवन के कई पहलुओं को छूती नजर आती हैं। कविताओं में प्रेम और भूख को इस शिद्दत के साथ पेश किया गया है, मानों इसे वर्षों भोगा गया हो। कविताओं में कई रंग दिखते हैं, जिसे मनु बेहद ईमानदारी से पाठकों के सामने रखते हैं।

"संग्रह की कविताएं हमें जीवन की तल्ख हकीकत से रूबरू करवाती हैं। ये कविताएं जीवन में उमड़ती-घुमड़ती मर्म वेदनाओं से बाहर निकलती वो ध्वनि हैं, जो शब्दों को विशेष बनाती हैं।"

- प्रो. राम विनय सिंह

"युवा कवि का यह प्रयास बेहद सफल रहा है।"

- साधना शर्मा

"मनु मनस्वी की इन लघु कविताओं में जीवन का सार है।"

- डॉ. अरुण कुकसाल

  • वरिष्ठ पत्रकार हैं मनु मनस्वी

    Manu Manasvi - Kagaj Nigode
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    मनु मनस्वी बीते दो दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वर्तमान में वह देहरादून से प्रकाशित होने वाले दैनिक भास्कर समाचार पत्र में सब एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। उनका यह कविता संग्रह अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि सभी ऑनलाइन साइट्स पर उपलब्ध है।