उत्तराखंड रामनगरNeelam Bhardwaj Creates history slams one day double century

उत्तराखंड: 18 साल की झुग्गी बस्ती की बेटी ने रचा इतिहास, नीलम ने वनडे में जड़ा पहला दोहरा शतक

नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सीनियर महिला वन डे ट्रॉफी मैच में उत्तराखंड की बेटी नीलम भरद्वाज ने शानदार बल्लेबाजी की। वन डे मैच में नीलम ने 10 दिसंबर को नागालैंड के खिलाफ शानदार बैटिंग करते हुए 202 रन बनाये।

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Image: Neelam Bhardwaj Creates history slams one day double century (Source: Social Media)

रामनगर: शाबाश बेटी ! उत्तराखंड के रामनगर की बेटी ने इतिहास रच दिया है। सीनियर महिला वन डे ट्रॉफी के मैच में नागालैंड के खिलाफ उत्तराखंड महिला टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उत्तराखंड की टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर 371 रन बनाए जिसमें नीलम भरद्वाज ने 137 गेंदों में 202 रन बनाकर रिकॉर्ड बना डाला। अपनी धमाकेदार पारी में नीलम ने 2 छक्के और 27 चौके लगाए।

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नीलम भरद्वाज ने इस शानदार पारी से उत्तराखंड को मजबूत स्कोर तो दिया ही भारतीय महिला क्रिकेट में नया इतिहास भी रच दिया। नीलम ने सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी के तहत नागालैंड के खिलाफ नाबाद पारी खेल कर लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाली पहली सबसे कम उम्र वाली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने का गौरव प्राप्त किया। नीलम की पारी के बदौलत उत्तराखंड की टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर 371 रन बनाए। दूसरी ओर नागालैंड की टीम 112 रन बना कर आल आउट हो गई, उत्तराखंड टीम ने 259 रनों से इस मैच में जीत हासिल कर ली।

झुग्गी में बीता बचपन, पिता की असमय मृत्यु

नीलम भारद्वाज का बचपन रामनगर रेलवे स्टेशन के पास में स्थित एक झुग्गी बस्ती में बीता। नीलम भरद्वाज ने 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। नीलम के घर पर उसके पापा नरेश भारद्वाज अकेले कमाने वाले व्यक्ति थे, और वे दिहाड़ी मजदूरी करते थे। लेकिन 2020 में एक प्लाईवुड फैक्ट्री में हुए एक हादसे के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद नीलम के परिवार की आर्थिक स्थिति बुरी तरह ख़राब हो गई।

  • कठिन समय में लड़ कर अब रचा इतिहास

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    लेकिन नीलम ने इस कठिन समय में क्रिकेट को अपने जीवन का सहारा बनाया। नीलम को शुरुआती दिनों में क्रिकेट और अपने डेली खर्चे के लिए बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन बहादुर बच्ची ने मुश्किल समय में हार नहीं मानी और 12 साल की उम्र में वह अंडर-19 ट्रायल्स में शामिल हुईं। इसके बाद उत्तराखंड महिला क्रिकेट टीम में शामिल हुई। अब वनडे में दोहरा शतक लगाकर 18 साल की इस बेटी ने पूरे उत्तराखंड को गौरवान्वित कर दिया है।