उत्तराखंड हल्द्वानी3 years imprisonment to Chief Education Officer

हल्द्वानी: मुख्य शिक्षा अधिकारी को 3 साल का कठोर कारावास, 15 हजार में बिका था ईमान

2017 में अल्मोड़ा के सीईओ अशोक सिंह को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था, सात साल पुराने रिश्वत प्रकरण में अदालत ने तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह को तीन साल की सजा व 25 हजार का जुर्माना लगाया है।

Chief Education Officer: 3 years imprisonment to Chief Education Officer
Image: 3 years imprisonment to Chief Education Officer (Source: Social Media)

हल्द्वानी: न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने 23 दिसम्बर को अभियुक्त अशोक कुमार सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के अपराध के लिये तीन वर्ष के कठोर कारावास और पच्चीस हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया है।

3 years imprisonment to Chief Education Officer

शिकायतकर्ता रिजवानुर्रहमान ने सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय हल्द्वानी (नैनीताल) में 25 अप्रैल 2017 को एक शिकायती प्रार्थनापत्र दिया था। शिकायत में कहा गया था कि अशोक कुमार सिंह( पुत्र इन्द्रदेव सिंह निवासी ग्राम दोलतिया पो० बनकट जिला वाराणसी (उ०प्र०) तत्समय-मुख्य शिक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा के द्वारा शिकायतकर्ता के मोहल्ला नियाजगंज अल्मोड़ा में स्थित फैजे आम सिटी मॉडर्न जूनियर हाईस्कूल की मान्यता के लिये मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा के द्वारा 15000/- रूपये रिश्वत की मांग की जा रही है।

पकड़े गए थे रंगे हाथ

निरीक्षक पंकज उप्रेती के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया गया। ट्रैप टीम ने 28 अप्रैल 2017 को तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा अशोक कुमार सिंह को 15,000/- रूपया रिश्वत लेते हुये स्वतंत्र साक्षियों के समक्ष रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रिश्वत के 15 हजार रुपए अशोक कुमार सिंह से मौके पर ही बरामद किये गये। इस सम्बन्ध में थाना सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर नैनीताल हल्द्वानी में मु०अ०सं० 1/2017 धारा 7 व13 (1) (डी) सपठित धारा 13 (2) भ्र०नि०अधि० 1988 बनाम अशोक कुमार सिंह पंजीकृत किया गया।

13 लोगों ने दी गवाही

अभियोग की विवेचना निरीक्षक संजय कुमार पाण्डे ने की। विवेचना के बाद अभियुक्त के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन की कार्यवाही के दौरान अभियोजन अधिकारी दीना रानी ने न्यायालय के समक्ष 13 गवाहों को पेश किया। अभियोग की पैरवी मुख्य आरक्षी सतपाल राम चिन्याल ने की। अभियोग की केस अफसर निरीक्षक ललिता पाण्डे थी।

मिली कड़ी सजा

अब, जुर्माना अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त को छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2) सपठित धारा 13 (1) (डी) के अपराध के लिये तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा 25,000/- रूपये (पच्चीस हजार रूपये) जुर्माने से दण्डित किया गया है तथा जुर्माना अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त को छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया गया है।