देहरादून: 15 दिसंबर की सुबह करीब 4 बजे मृतक के पिता ओम प्रकाश को उनके बेटे के मोबाइल नंबर से युवराज नाम के व्यक्ति का फोन आता है। युवराज बताता है कि उनके बेटे सत्य प्रकाश की हालत बहुत खराब है जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। युवराज ने उन्हें तुरंत देहरादून पहुंचने अस्पताल में पहुंचने के लिए कहता है। ओमप्रकाश ने युवराज से कहा कि आप उनके बेटे का इलाज शुरू करवाओ और युवराज का मोबाइल लेकर उसको पैसे ट्रांसफर किए। उसके बाद उसने भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
LLB student dies in suspicious condition
जब पिता ओमप्रकाश ने हॉस्टल वार्डन को कॉल कर अपने बेटे सत्य प्रकाश से बात कराने के लिए कहा, तो वार्डन ने कहा कि सत्य प्रकाश हॉस्टल में सो रहा है। ओमप्रकाश ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के बारे में पूछने के लिए कई बार हॉस्टल वार्डन को कॉल किया लेकिन वार्डन की ओर से उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। फिर जब सुबह हुई तब हॉस्टल वार्डन ओमप्रकाश को कॉल किया और बताया कि सत्य प्रकाश की तबीयत बहुत खराब है उसे दून अस्पताल में भर्ती किया गया है। उसके बाद 15 दिसम्बर को ही दोपहर करीब उन्हें सूचना दी जाती कि उनके बेटे सत्य प्रकाश की मौत हो चुकी है।
प्राइवेट यूनिवर्सिटी के हाल बुरे
ओमप्रकाश सिंह, निवासी पुलिस लाइन, थाना रामपुर जिला गया, बिहार ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है, उन्होंने तहरीर में बताया कि पिछले साल यानि 2024 में उन्होंने अपने बेटे सत्य प्रकाश का एडमिशन देहरादून के प्रेम नगर में स्थित एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में करवाया था। उनका बेटा सत्यप्रकाश प्राइवेट यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में ही रहकर BA LLB की पढ़ाई कर रहा था। एडमिशन के दौरान कॉलेज प्रशासन ने दावा किया था कि हॉस्टल के सभी छात्र सुरक्षित हैं और बिना परिवार की अनुमति के उन्हें कहीं जाने दिया जाता है।
दिनभर का आउटपास, छः दिन से गायब
बीते 9 दिसंबर को सत्य प्रकाश अपने दोस्त को डॉक्टर के पास दिखाने का कारण बता कर एक दिन का आउट पास लेकर हॉस्टल से बाहर गया था, जिसकी जानकारी हॉस्टल प्रशासन ने परिवार को नहीं दी। हॉस्टल का एक छात्र एक दिन का पत्र देकर 6 दिन बाहर रहता है और हॉस्टल की ओर से परिवार को सूचित नहीं किया जाता है। उसके बाद 14 दिसंबर की रात सत्य प्रकाश की मृत्यु सड़क हादसे में हो जाती है। उसके बाद परिवार को 15 दिसम्बर को इसकी जानकारी दी जाती है।
पिता के गंभीर आरोप
मृतक सत्य प्रकाश के पिता ओम प्रकाश का आरोप है कि एक दिन छुट्टी की एप्लीकेशन में छेड़छाड़ कर उसे 6 दिन दर्शाया गया है। इसके अलावा ओम प्रकाश ने पुलिस प्रशासन से बेटे के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टर के पैनल से करवाने की गुहार लगाई, लेकिन उसके बावजूद पैनल से शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। जो पोस्टमॉर्टम करवाई गई है उसकी रिपोर्ट के अनुसार, सत्य प्रकाश की मौत हादसे के दौरान लिवर में चोट लगने के कारण हुई है जबकि बॉडी पर एक भी चोट का निशान नहीं है। पीड़ित पिता का कहना है कि अगर ये सड़क हादसा होता तो उसके शरीर के अन्य हिस्से में चोट के निशान क्यों नहीं हैं?
पिता ने दर्ज कराया मुकदमा
ओमप्रकाश ने फोन करने वाले युवक युवराज ,विश्वविद्यालय प्रशासन और हॉस्टल वार्डन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस टीम ने पीड़ित द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर शिकायत दर्ज कर दी है, पुलिस टीम इस मामले में जांच कर रही है।