देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने घोषणा की कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत किए गए आवेदनों के खिलाफ यदि कोई भी व्यक्ति झूठी शिकायतें करता है तो, उस व्यक्ति पर दंड लगाया जाएगा. जिसका भुगतान उसे 45 दिनों के भीतर करना होगा, यदि को इसमें असमर्थ रहता है तो उसका दंड भू राजस्व की प्रक्रिया के अनुसार वसूला जाएगा।
Penalty will be imposed on false complaint of UCC
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को की गई घोषणा के तहत समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के अधिनियमों पर झूठे आरोप लगाने वालों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि UCC के खिलाफ झूठी शिकायतें करने वालों पर दंड लगाया जाएगा, और इस दंड की वसूली भू राजस्व की प्रक्रिया के अनुसार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का कार्यान्वयन संविधान और बाबा साहेब आंबेडकर की विचारधारा के अनुरूप किया गया है। UCC का विरोध केवल वही लोग कर रहे हैं जो विशेष वर्ग के वोट बैंक की राजनीति में लगे हुए हैं, और जिन्हें महिलाओं के सम्मान से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने जनता को यूसीसी लागू करने का आश्वासन दिया था। इसी कारण जनता ने भाजपा को दोबारा सत्ता में लाकर यूसीसी को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
झूठी शिकायतकर्ता पर इतना लगेगा जुर्माना
उत्तराखंड की अपर गृह सचिव निवेदिता कुकरेती ने जानकारी दी कि यूसीसी के तहत आवेदनों और पंजीकरणों को विवादमुक्त बनाने की व्यवस्था की गई है। यूसीसी की नियमावली के अध्याय छह के नियम 20 (उपखंड दो) में उल्लेखित है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ झूठी शिकायत करता है, तो उसे पहली बार चेतावनी दी जाएगी। यदि वह व्यक्ति फिर भी आवेदन या पंजीकरण से संबंधित किसी अन्य मामले में झूठी शिकायत करता है, तो उस पर दूसरी बार में 5000 रुपये और तीसरी बार में 10000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। झूठी शिकायतकर्ता को जुर्माना लगाने लगाए जाने 45 दिनों के भीतर इसका ऑनलाइन भुगतान अनिवार्य करना होगा। यदि वो 45 दिनों में ऑनलाइन भुगतान नहीं करता है, तो जुर्माने की वसूली भू राजस्व की प्रक्रिया के अनुसार तहसील के माध्यम से की जाएगी।