उत्तराखंड पिथौरागढ़17 children in 7 seater school van in Pithoragarh

उत्तराखंड: स्कूल के नौनिहालों की जिंदगी के साथ हो रहा खिलवाड़, 7 सीटर वैन में 17 बच्चे सवार

पहाड़ी क्षेत्रों में कच्ची सड़कों पर आए दिन दुर्घटना के मामलों को देखते हुए भी इस तरह की लापरवाही की जा रही है। ऐसी स्थिति में लोगों को जागरुक होने की आवश्यकता है।

Overload School Van: 17 children in 7 seater school van in Pithoragarh
Image: 17 children in 7 seater school van in Pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: जनपद पिथौरागढ़ के थल क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डालते हुए वाहन का अत्यधिक दुरुपयोग करने का मामला उजागर हुआ है। ये मामला थल थाना पुलिस द्वारा चलाए गए चेकिंग अभियान के दौरान उजागर हुआ।

17 children in 7 seater school van in Pithoragarh

दरअसल, पिथौरागढ़ जिले के थल क्षेत्र में अधिकांश सड़कें बेहद खराब स्थिति में हैं, इस पहाड़ी इलाके में ओवरलोडिंग के कारण अक्सर वाहन दुर्घटनाएं होने की खबरे आती हैं। इसी के चलते थानाध्यक्ष थल शंकर सिंह रावत द्वारा इन दिनों थाना क्षेत्र में वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसी वाहन चेकिंग अभियान के दौरान एक गंभीर मामला उजागर हुआ। दरअसल, थल क्षेत्र में पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक निजी स्कूल की संख्या UK05 TA 4701 वाली सात शीटर वैन को रोका। पुलिस टीम ने जब अंदर देखा तो 7 शीटर वाहन में पूरे 17 स्कूली बच्चों को ठूसा के बैठाया गया था। पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में वाहन को सीज किया और ड्राइवर को हिरासत में लिया। पुलिस ने सभी बच्चों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया।

वाहन को किया गया सीज

पुलिस पूछताछ में वाहन चालक की पहचान दीपक सिंह धामी, पुत्र धन सिंह धामी, निवासी जाजर सिर टोली, थाना बेरीनाग, जिला पिथौरागढ़ निवासी के रूप में हुई। वाहन चालक की इस लापरवाही को देखते हुए पुलिस ने उसका चालान काटा, वाहन को सीज कर दिया है। पुलिस टीम द्वारा उक्त पब्लिक स्कूल की जांच की जा रही है, जिसमें पढ़ने वाले छात्र वैन में बैठे थे। इसके अलावा छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से भी बच्चों इस तरह ओवरलोड वाहन में बैठने को मजबूर करने के मामले में पूछताछ की जाएगी। पहाड़ी क्षेत्रों में कच्ची सड़कों पर दुर्घटना के मामलों को देखते हुए भी इस तरह की लापरवाही की जा रही है। ऐसी स्थिति में लोगों को जागरुक होने की आवश्यकता है।