उत्तराखंड देहरादूनuttarakhand govt initiative for bamboo planting

उत्तराखंड में बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर, बांस उगाइए और 50 हजार की सब्सिडी पाइए

उत्तराखंड के बेरोजगारों के लिए एक अच्छी पहल की गई है। अब आपको बांस की खेती पर 50 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी।

trivendra singh rawat: uttarakhand govt initiative for bamboo planting
Image: uttarakhand govt initiative for bamboo planting (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में रोजगार एक बड़ी समस्या रही है। जिसकी वजह से लगातार गांवों से लोगों का पलायन हो रहा है। कई गांव तो ऐसे है जो पूरी तरह से खाली हो गए है। लेकिन अब हरा सोना कहे जाने वाला बांस अब यहां के किसानों की जिंदगी में बदलाव लाने वाला है। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बेरोजगार युवाओं और किसानों को एक हेक्टेयर भूमि में बांस की खेती करने पर सब्सिडी दी जाएगी। 50 हजार रुपये की मिलने वाली ये सबसिडी जहां इन लोगों को रोजगार प्रदान करेगी, वही इस योजना के जरिए गांवों से हो रहे पलायन को भी रोका जा सकेगा। बांस स्वरोजगार का एक बेहतरीन जरिया है। इससे कई ऐसी चीजें बनाई जा सकती हैं, जो बाज़ार में अच्छे दाम पर बिकती हैं। दिल्ली और बड़े शहरों में तो बांस के बने उत्पादों से लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं। राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तरह छोटे काश्तकारों को एक-एक पौधे पर 120 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।

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किसानों को बांस की खेती करने के लिए पौध उत्तराखंड बांस एवं रेशा परिषद देहरादून की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बांस की खेती से लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया होगा। इससे रोजगार के साथ साथ किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। बांस की खेती ग्रामीण क्षेत्रों के कुशल और अकुशल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। किसान गांव में बंजर पड़ी भूमि पर बांस उगाकर अपना भविष्य संवार सकेंगे। उत्तराखंड बांस एवं रेशा परिषद देहरादून की ओर से इऩ लोगों को नर्सरी और अन्य संबंधित सामग्री के लिए बैंक से लोन दिलाया जाएगा। जिस पर इन्हें पचास हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी। बता दें कि ये सब्सिडी तीन साल में तीन किश्तों में दी जाएगी। वहीं, छोटे काश्तकारों को बांस की खेती करने पर एक पौधे पर 120 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। तीन साल बाद बांस तैयार होने पर परिषद देहरादून बांस बेचने का बाजार निर्धारित करेगी।

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अगर ये योजना कामयाब रहती है तो आने वाले वक्त में उत्तराखंड में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। ऐसी ही कोशिशों से उत्तराखंड की बड़ी समस्या बेरोजगारी से लोगों को निजात मिलेगा। उत्तराखंड बांस एवं रेशा परिषद केंद्र देहरादून के प्रोग्राम मैनेजर दिनेश जोशी का कहना है कि बांस की खेती पहाड़ से हो रहे पलायन को रोकने, किसानों की आय बढ़ाने और बेरोजगारों के लिए रोजगार देने के लिए लाभकारी साबित होगी। उत्तराखंड बांस एवं रेशा परिषद देहरादून की ओर से बांस की खेती करने वालों की हरसंभव मदद की जाएगी। इस योजना के जल्द लागू होने के बाद बेरोजगारी और पैसों के लिए परेशान किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है। अब देखना होगा कि यह हरा सोना इन लोगों की जिंदगी में हरियाली लाने में कितना कामयाब साबित होता है।