: अपने स्टिंग प्रकरणों से चर्चाओं में रहने वाले उमेश कुमार के कारनामे रोज सामने आ रहे हैं। प्याज की परतों की तरह खुल रहे कारनामे उमेश कुमार के सुसंगठित तरीके से स्टिंग करने की कहानी बयां कर रहे हैं।
अभी तक के स्टिंग में उमेश कुमार अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को ट्रैप करने और उनसे स्टिंग की नियत के हिसाब से कमिटमेंट देने का निर्देश अपने सहयोगी को दे रहा है। एक अन्य वायरल ऑडियो में उमेश कुमार अपने सहयोगियों को निर्देश दे रहा है कि इन तरीकों से शिकार को फांसकर उसका स्टिंग किया जाए, उससे मनमर्जी बयान दिलवाकर उसे ब्लैकमेल करने लायक ऑडियो तैयार करवा लिया जाये।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को घेरने का उमेश कुमार का मजबूत होमवर्क का ऑडियो सामने आया है। जिसमें वह अपने सहयोगियों से मुख्यमंत्री के भाई और भतीजे जिनका कि राजनीति और शासन-सत्ता कोई लेना देना नहीं है के पास अपने आदमी को व्यापारी के रूप में भेजकर शासन में काम कराने के एवज में रुपए के लेनदेन के बारे में बुलवाने के बारे में बातचीत कर रहा है। ऑडियो में उसका सहयोगी बता रहा है कि मुख्यमंत्री के भतीजे और भाई ने सीधे-सीधे किसी भी काम को कराने में असमर्थता जाहिर की है और साथ ही मुख्यमंत्री के भतीजे ने आगाह किया कि हम से अनावश्यक चर्चा न करें क्योंकि मुख्यमंत्री ने खुद हम पर खुफिया निगाहें रखी है।
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इस सारे ऑडियो में उमेश कुमार का होमवर्क बता रहा है कि किसी भी तरीके से मुख्यमंत्री के परिजनों से सौदेबाजी की बात टेप की जाए और उन्हें किसी भी तरह जबरदस्ती कुछ नकदी पकड़ा कर उसे स्टिंग की सीडी में सुरक्षित कर बड़ी सौदेबाजी को अंजाम दिया जाए। इस नये वायरल ऑडियो में उमेश कुमार स्टिंग करने वाली अपनी टीम पर सत्तर लाख रुपये तक अभी खर्च होने की बात कर रहा है। उमेश कुमार शॉर्टकट में रुपया कमाने के इस स्टिंग के काम मे व्यवसाय की तरह रुपया इन्वेस्ट कर रहा है, ताकि मुंह-मांगे तरीके से बाद में वसूली हो सके।
उमेश कुमार जानता है कि राजनीतिक व्यक्ति अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए स्टिंग के ऑडियो या वीडियो की कीमत पर मुंह मांगी रकम देगा। उमेश कुमार के इस खेल के सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि वह किसी भी तरह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उनके परिजनों और उनके निकटस्थ सहयोगियों का स्टिंग करके किसी व बड़ी सौदेबाजी के फिराक में था। लंबे समय से ब्लैक मेलिंग का उद्योग चलाने वाले उमेश का भांडा समय से पहले फूट गया।
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उमेश कुमार कानून को और कितना चकमा देगा यह भविष्य की गर्त में है। बहराल, उत्तराखंड देवभूमि में पनप रही इस ब्लैक मेलिंग संस्कृति का लीडर उमेश कुमार और उस जैसे छुटभैये खुफिया विभाग की नज़रों और मुख्यमंत्री की कड़ी कार्रवाई से दहशत में हैं।