उत्तराखंड Adi badri kapat opening

जय देवभूमि: श्रद्धालुओं के लिए खुले आदिबदरी धाम के कपाट, आप भी कीजिए दर्शन

पंच बदरी में एक प्रमुख धाम आदि बदरी धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। आप भी जानिए इस मंदिर का महत्व

उत्तराखंड: Adi badri kapat opening
Image: Adi badri kapat opening (Source: Social Media)

: ‘पंच बदरी, पंच केदार, पंच प्रयाग यख छिन’..पांच बदरी, पांच केदार और पांच प्रयागों की धरती है उत्तराखंड। आदिबद्री धाम पंचबदरी धामों में से एक है। इस धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। ये पवित्र मंदिर कर्णप्रयाग से 17 किलोमीटर दूर चांदपुरगढ़ी के पास स्थित है। आदिबदरी सैकड़ों साल पुराने मंदिरों का समूह है। इन मंदिरों का निर्माण 8 वीं से 11वीं सदी के बीच कत्यूरी राजाओं ने कराया था। कहा जाता है कि इस मंदिर समूह में कभी 16 मंदिर हुआ करते थे, जिनमें से आज केवल 14 मंदिर बचे हैं। प्रमुख मंदिर भगवान विष्णु का है। यहां भगवान विष्णु की शालीग्राम से बनी प्रतिम मौजूद है, जिसके दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को गर्भगृह में जाना पड़ता है। कपाट खुलने के बाद मंदिर परिसर में श्री गणेश महापुराण का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही महाभिषेक समारोह भी होगा, जो कि एक हफ्ते तक चलेगा।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - देवभूमि का वो पवित्र झरना, जिसके पानी की बूंद पापियों के शरीर पर नहीं गिरती
चमोली जिले में मकर संक्रांति के पावन मौके पर पौराणिक आदिबदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए। ब्रह्मबेला में विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सुबह 4.30 बजे मंदिर के कपाट खुले। कपाट खुलने के साथ ही श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर यहां पूजा-अर्चना कर सकेंगे। इस मौके पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था। श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर सुख-संपन्नता का आशिर्वाद मांगा। बता दें कि पौष महीने में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहता है। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है। मकर संक्रांति पर मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही यहां नियमित हवन-पूजन शुरू हो गया है। अब आप भी आदिबदरी के दर्शन करना चाहते हैं तो देवभूमि चले आइए। यकीन मानिए यहां आकर आपको अद्भुत शांति मिलेगी।