उत्तराखंड kavindra bisht won match against world champion

पहाड़ के कवीन्द्र बिष्ट ने वर्ल्ड चैंपियन को हराया..एशिया बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे

युवा बॉक्सर कवींद्र ने एशियाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है। कवींद्र भारतीय सेना में हैं और पिथौरागढ़ के छोटे से गांव के रहने वाले हैं।

पिथौरागढ़ न्यूज: kavindra bisht won match against world champion
Image: kavindra bisht won match against world champion (Source: Social Media)

: पहाड़ के प्रतिभाशाली युवा छोटे गांवों से निकल कर सफलता की ऐसी इबारत लिख रहे हैं कि उन्हें सलाम करने को दिल चाहता है। देवभूमि के ऐसे ही लाल हैं कवीन्द्र सिंह बिष्ट जो कि बॉक्सिंग में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। हाल ही में कवीन्द्र के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई, कवीन्द्र ने एशियाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन को चित कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। लेकिन अब सेमीफाइनल में भी जीत हासिल करके उन्होंने फाइनल में जगह बनाई है। थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में चल रही एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में यह भी पढें - 20 साल की उम्र में ही नेशनल फुटबॉल टीम में सलेक्शन, देहरादून के अनिरुद्ध ने गजब कर दिया
कवीन्द्र सिंह बिष्ट ने 56 किलोग्राम वेट कैटेगरी में मंगोलिया के एंख-अमर खाखु को अपने पंच से पस्त किया। मंगोलियाई मुक्केबाज ने कवीन्द्र बिष्ट की आंख चोटिल कर दी थी लेकिन कवीन्द्र ने हार नहीं मानी। आखिरकार कवीन्द्र ने फाइनल का सफर तय कर लिया। कवीन्द्र के अलावा दीपक सिंह और आशीष कुमार ने भी फाइनल में जगह बनाई है। आगे जानिए कवीन्द्र सिंह बिष्ट के संघर्ष की कहानी

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कवींद्र सिंह बिष्ट पिथौरागढ़ के छोटे से गांव पंडा के रहने वाले हैं। एक वक्त था जब कवींद्र गांव के मैदान में फुटबॉल खेला करते थे, पर उनकी किस्मत में तो बॉक्सर बनना लिखा था। संयोग से बॉक्सिंग कोच धरमचंद की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने कवींद्र को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया...बस यहीं से कवींद्र की जिंदगी बदलती चली गई। साल 2009 में कवींद्र ने साई सेंटर काशीपुर में एडमिशन लिया। साल 2013 तक वो कोच एचएस संधू से बॉक्सिंग की पेचीदगियां सीखते रहे। इसी बीच एक बड़ी सफलता कवींद्र के हाथ उस वक्त लगी जब उन्होंने ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया। इस चैंपियनशिप में उन्हें बेस्ट बॉक्सर का खिताब भी मिला। इसके बाद तो उनके खाते में एक के बाद एक कई उपलब्धियां जुड़ती गईं। साउथ कोरिया में हुए वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में भी कवींद्र अपने पंच का दम दिखा चुके हैं। एशियाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचने पर कवींद्र को बधाई....उम्मीद है वो जल्द ही चैंपिंयनशिप जीत कर वापस लौटेंगे।