उत्तराखंड देहरादूनProperty in Dehradun ganpati builders fraud

देहरादून में घर खरीदने वाले सावधान! जैसा इस बिल्डर ने किया..वैसा आपके साथ भी हो सकता है

जिला उपभोक्ता फोरम ने देहरादून के एक बिल्डर को अच्छा सबक सिखाया, उपभोक्ताओं को धोखा देने वालों के साथ ऐसा ही होना चाहिए...

Property in Uttarakhand: Property in Dehradun ganpati builders fraud
Image: Property in Dehradun ganpati builders fraud (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून के राजधानी बनने के साथ ही आलीशान बिल्डिंगें-इमारतें बनने का दौर भी शुरू हो गया था। धीरे-धीरे ये हरा-भरा शहर कंक्रीट के जंगल में बदल रहा है। बिल्डर एक के बाद एक नई बिल्डिंगें खड़ी कर रहे हैं। लोक-लुभावन विज्ञापनों के जरिए उपभोक्ताओं को ललचा रहे हैं। पर बात जब फ्लैट देने की आती है तो बिल्डर्स उपभोक्ता को टालना शुरू कर देते हैं। उपभोक्ता का ज्यादातर पैसा फ्लैट बुक कराने में लग चुका होता है, इसीलिए इंतजार करने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं रहता। दहरादून के एक नामी बिल्डर ने भी अपने दो उपभोक्ताओं के साथ ऐसा ही किया था। पूरा मामला क्या है चलिए बताते हैं। देहरादून में जाखन के रहने वाले यशवंत पाल और कंडोली के रहने वाले विजय वर्मा ने साल 2009 में गणपति बिल्डर्स से फ्लैट बुक कराया था। फ्लैट की कीमत 16.99 लाख रुपये तय हुई थी। नवंबर में उपभोक्ताओं और बिल्डर के बीच कांट्रेक्ट हुआ, जिसके मुताबिक फ्लैट दो साल के भीतर उपभोक्ताओं को दिया जाना था। ऐसा ना होने पर 5 हजार प्रतिमाह की दर से पेनाल्टी देनी थी। आगे पढ़िए

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बिल्डर ने रुपये एडवांस में ले लिए पर दोनों उपभोक्ताओं को फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया। एडवांस में लिया गया पैसा लौटाने से भी मना कर दिया। मामला उपभोक्ता फोरम में गया तो बिल्डर ने अपने बचाव में कंस्ट्रक्शन पूरा ना होने, बारिश ज्यादा होने जैसे तमाम बहाने बनाए। पर फोरम ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद उपभोक्ताओं के हक में फैसला दिया। अब बिल्डर को पीड़ित यशवंत पाल को 2.70 लाख रुपये और विजय वर्मा को 3.19 लाख रुपये लौटाने होंगे। इसके अलावा मानसिक प्रताड़ना देने के लिए 25-25 हजार रुपये और केस लड़ने के खर्च के तौर पर 5 हजार रुपये भी देने होंगे। आप भी अगर बिल्डरों की इसी तरह की मनमानी झेल रहे हों तो शिकायत करने से डरें नहीं। जिला उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज कराएं और एक्सपर्ट्स की मदद लें।