उत्तराखंड पिथौरागढ़Manisha became officer in Indian army

धन्य है पहाड़ की ये जांबाज बेटी, सेना में अफसर बनी..कश्मीर में मिली पहली पोस्टिंग

सेना में अफसर बनने वाली मनीषा बोहरा के पिता दिनेश सिंह सेना में सूबेदार हैं, जानिए पहाड़ की अफसर बिटिया के संघर्ष की कहानी...

Manisha bohra: Manisha became officer in Indian army
Image: Manisha became officer in Indian army (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: देश सेवा का मौका किस्मत से मिलता है। उत्तराखंड के नौजवान खुशकिस्मत हैं क्योंकि यहां आज भी गौरवशाली सैन्य परंपरा निभाई जाती है। देवभूमि के बेटे ही नहीं, बेटियां भी देश की सेवा में अपना अहम योगदान दे रही हैं। ऐसी ही होनहार बेटी हैं मनीषा बोहरा। मनीषा बोहरा ने सेना में अफसर बन कर उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है। मनीषा चंपावत की रहने वाली हैं। उनका परिवार लोहाघाट विकासखंड के खूना बोरा गांव में रहता है। पहाड़ की ये बेटी अब सेना में बतौर अफसर अपना सेवाएं देगी। देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देगी। मनीषा के गांव में खुशी का माहौल है, और ऐसा हो भी क्यों ना, पहाड़ की बेटी सेना में अफसर जो बन गई है। छोटे पहाड़ी गांव से ओटीए चेन्नई तक का सफर मनीषा के लिए आसान ना था, पर अपने हौसले और मेहनत के दम पर उन्होंने इसे आसान बना दिया। वो खूना बोरा गांव की पहली महिला सैन्य अधिकारी होने का गौरव हासिल कर चुकी हैं।

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मनीषा के पिता दिनेश सिंह बोहरा सेना में सूबेदार हैं। पिता को देखकर ही उन्हें आर्मी ज्वाइन करने की सीख मिली। इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत की। सालों साल सीडीएस की तैयारी करती रहीं और पिछले साल सीडीएस परीक्षा पास भी कर ली। मनीषा ने अपनी प्राइमरी एजुकेशन मानेश्वर पब्लिक स्कूल खूनाबोरा से हासिल की है। सीडीएस क्लीयर करने के बाद उन्हें ओटीए चेन्नई में ट्रेनिंग का मौका मिला। एक साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद वो सेना में अफसर बन गईं। 7 सितंबर को चेन्नई में हुई पासिंग आउट परेड में मनीषा ने देश सेवा की शपथ ली। बेटी के कंधों पर सितारे लगाने के लिए पिता दिनेश और मां गोदावरी के साथ-साथ उनके दादा और दादी भी मौजूद थे। मनीषा के परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है। पहाड़ की इस अफसर बिटिया को पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के बारामूला में मिली है। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से मनीषा को ढेरों शुभकामनाएं, उनकी ये सफलता पहाड़ की दूसरी बेटियों को भी सेना में जाने के लिए प्रेरित करेगी।