उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालKotdwar police is not taking action in the molestation case

कोटद्वार में छेड़छाड़ की शिकार युवती को नहीं मिला इंसाफ, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

कोटद्वार की रहने वाली युवती के साथ वर्क प्लेस में छेड़छाड़ हुई थी, पीड़ित पिछले एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही है...

molestation case: Kotdwar police is not taking action in the molestation case
Image: Kotdwar police is not taking action in the molestation case (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड पुलिस नए एमवी एक्ट को लेकर जिस तरह गंभीर है, काश उतनी ही गंभीर दूसरे मामलों को लेकर भी होती। फरियादी शिकायत करते-करते थक जाते हैं, पर पुलिस कार्रवाई करना तो दूर पीड़ितों की शिकायत तक नहीं सुनती। कोटद्वार की रहने वाली एक महिला के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। पीड़ित महिला छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने गई थी, पर पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। बाद में महिला ने कोर्ट में अपील की। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अब केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन कार्रवाई नहीं कर रही। पुलिस के इस लापरवाह रवैय्ये से पीड़ित में रोष है। वो पिछले एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही है। पीड़ित के साथ कार्यस्थल में छेड़छाड़ हुई थी।

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मामला एक साल पुराना बताया जा रहा है। पीड़ित सिगड्डी ग्रोथ सेंटर में स्थापित एक कंपनी में काम करती थी। जहां उसके साथ छेड़छाड़ हुई। इस मामले में सुरेश तिवारी, सरोज तिवारी और पिंकी पांडे आरोपी हैं। पीड़ित का आरोप है कि छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वो थाने के चक्कर काटती रही, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकाला। पुलिस ने कार्रवाई भी नहीं की। मजबूरन महिला को कोर्ट जाना पड़ा। बीती 23 जुलाई को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया। तब कहीं जा कर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। आदेश जारी हुए 50 दिन हो गए हैं, पर पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं। पीड़ित ने कहा कि पुलिस के इसी गैर जिम्मेदार रवैय्ये की वजह से लड़कियां छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज नहीं करातीं। वो एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही है, पर पुलिस सुन नहीं रही। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कर लिया गया है। पीड़ित को बयान देने के लिए बुलाया गया है। बयान होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।