देहरादून: पहाड़ में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की खबरों के बीच एक दिलखुश करने वाली खबर सुनने को मिली है। उत्तराखंड राज्य ने मातृ मृत्यु दर में सुधार किया है, यानि प्रदेश सरकार प्रसूताओं को बेहतर सेवाएं देने के जो प्रयास कर रही है, वो सफल हो रहे हैं। मातृ मृत्यु दर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज करने में अपना उत्तराखंड टॉप पर है, और ये देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने मातृ मृत्युदर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की है। एसआरएस की सर्वे रिपोर्ट में उत्साहित करने वाले नतीजे सामने आए हैं। प्रदेश में मातृ मृत्यु दर में गिरावट आ रही है। ये अच्छा संकेत है। मातृ मृत्यु दर में कितनी गिरावट आई है, ये भी बताते हैं। साल 2014-16 में मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख जीवित जन्म पर 201 थी, जो कि साल 2019 में घटकर 89 पर आ गई है। देश के टॉप 19 राज्यों की तुलना में 56 प्रतिशत की गिरावट के साथ उत्तराखंड देश में आठवें स्थान पर रहा है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय की एसआरएस यानि सैंपल रजिस्ट्रेशन प्रणाली सर्वे रिपोर्ट नवंबर-2019 में उत्तराखंड की परफॉर्मेंस बेहतर रही। मातृ मृत्यु दर का कम होना बताता है कि प्रदेश सरकार जच्चा-बच्चा का जीवन बचाने के लिए बेहतर प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है। एसआरएस रिपोर्ट में राज्यों की तीन अलग-अलग कैटेगरी में मातृ मृत्यु दर के आंकड़ों का अध्ययन किया गया था। जिसमें एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप में शामिल नौ राज्यों में उत्तराखंड की मातृ मृत्यु दर को कम करने की प्रगति अच्छी रही। उत्तराखंड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रभारी अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह मार्तोलिया ने कहा कि मातृ मृत्यु दर में कमी लाना हमारी पहली प्राथमिकता है। संस्थागत प्रसव सेवा में सुधार के साथ ही महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में मातृ मृत्यु अनुपात में 56 प्रतिशत की कमी आई है। ये स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का संकेत है। मातृ मृत्युदर में प्रदेश पहले 15वें स्थान पर था, जबकि अब 8वें स्थान पर है, लेकिन अब भी स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में काफी सुधार किया जाना बाकी है।