उत्तराखंड पिथौरागढ़Earthquake in pithoragarh

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आया भूकंप, ये बड़े खतरे का संकेत है

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बार बार धरती डोल रही है और ये अच्छे संकेत नहीं हैं।

उत्तराखंड न्यूज: Earthquake in pithoragarh
Image: Earthquake in pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के नाचनी क्षेत्र में शुक्रवार को भूकंप का झटका महसूस किया गया। लोग घरों से बाहर निकल आए और एक बार फिर से सवाल ये ही है कि बार बार आते ये झटके किस बात का संकेत दे रहे हैं? ये बात भू-वैज्ञानिक भी बता चुके हैं कि पिथौरागढ़ जिला भूकम्प की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। इस वजह से यहां आए दिन भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। पिथौरागढ़ आपदा प्रबंधन कार्यालय द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 4.3 रिक्टर थी.। भूकंप का केन्द्र इंडो नेपाल बार्डर में 10 किमी की गहराई में था। पिछले 4 साल में उत्तराखंड 4 से ज्यादा तीव्रता वाले 68 झटके महसूस कर चुका है। इन हल्के झटकों से कोई भारी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन बड़े भूकंप का खतरा लगातार बना हुआ है। उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद सेंसेटिव है। जोन 4 और जोन 5 की कैटेगरी में आता है। उत्तराखंड में लंबे वक्त से बड़ा भूकंप नहीं आया है, इसीलिए यहां बड़ा भूकंप आने का खतरा लगातार बना हुआ है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में कभी भी आ सकता है बड़ा भूकंप, बीते 4 साल का डाटा देखकर वैज्ञानिक हैरान
गौर करने वाली बात ये है कि पिछले चार साल में भूकंप के जो झटके महसूस किए गए हैं, वो सिर्फ चार जिलों तक ही सीमित रहे। इन जिलों में उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चमोली और रुद्रप्रयाग शामिल हैं। वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार कहते हैं इन चार जिलों में आने वाले भूकंप एक ही फॉल्ट लाइन में पड़ते हैं। वैज्ञानिक हिमालय में होने वाली हलचलों पर नजर बनाए हुए हैं। साल 1950 के बाद से प्रदेश में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। इसीलिए वैज्ञानिकों का मानना है कि जमीन के भीतर मौजूद ऊर्जा छोटे-छोटे भूकंपों के जरिए बाहर नहीं आ पा रही। ये बड़े खतरे भूकंप का संकेत हो सकता है। भारतीय प्लेट यूरेशियाई प्लेट की ओर 50 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की गति से बढ़ रहा है, जो कि हिमालयी क्षेत्र में भूकंप आने की बड़ी वजह है।