उत्तराखंड पिथौरागढ़Vivek singh khati became lieutenant in the Indian army

देवभूमि के विवेक को बधाई, सेना में अफसर बने..नाना, दादा, पिता कर चुके हैं देशसेवा

लेफ्टिनेंट विवेक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिसकी तीनों पीढ़ियां सेना में अपनी सेवाएं दे चुकी है...

Vivek singh khati: Vivek singh khati became lieutenant in the Indian army
Image: Vivek singh khati became lieutenant in the Indian army (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में आज भी गौरवशाली सैन्य परंपरा का निर्वहन किया जाता है। भारतीय सेना का हर पांचवा जवान उत्तराखंड से है, यही नहीं इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास आउट होने वाला हर 12वां अफसर भी इसी मिट्टी से जन्मा है। पहाड़ के बच्चों को देशभक्ति की सीख परिवार से मिलती है, तभी तो यहां रहने वाले परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी सैन्य परंपरा को निभाते नजर आते हैं। देवभूमि में ऐसे परिवारों की कमी नहीं जिनकी तीसरी-चौथी पीढ़ी भी सेना में जाकर देश के प्रति अपना फर्ज निभा रही है। ऐसी ही नौजवानों में से एक हैं पिथौरागढ़ के विवेक सिंह खाती। शनिवार को सैन्य अकादमी गया, बिहार में हुई पासिंग आउट परेड में जिन सैन्य अफसरों ने देशसेवा की शपथ ली, उनमें विवेक सिंह खाती भी शामिल हैं। मिलिट्री अकेडमी की ट्रेनिंग पूरी कर वो सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। विवेक की इस उपलब्धि से सीमांत जिला पिथौरागढ़ गदगद है, ग्रामीणों ने पहाड़ के बेटे के सेना में अफसर बनने पर खुशी जताई। विवेक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिसकी तीनों पीढ़ियां सेना में अपनी सेवाएं दे चुकी है। विवेक के नाना स्व. पद्म सिंह बोरा भी इंडियन आर्मी में थे। दादा केशर सिंह खाती भी सेना में रहे। यही नहीं विवेक के पिता कैप्टन महेंद्र सिंह खाती भी सेना से रिटायर्ड हैं। देशसेवा की सीख विवेक को अपने परिवार से ही मिली। उनका परिवार देहरादून के शिवराजनगर बड़ोवाला में रहता है। विवेक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में हुई। वो बचपन से ही सेना की वर्दी पहनने का सपना देखा करते थे, और आखिरकार अपने सपने को हकीकत में बदलने में कामयाब रहे। विवेक की सफलता से उनके परिवार के साथ-साथ गांव में भी जश्न का माहौल है।
साभार-देवभूमि दर्शन 17