उत्तराखंड उत्तरकाशीUttarakashi nangan gaon kiran chauhan

पहाड़ के नंगाणगांव की किरन..संगीत से UGC-NET क्वालीफाई करने वाली अपने जिले की पहली बेटी

एक गांव से निकलकर देश की सबसे टॉप यूनिवर्सिटी में जाना, वहां पहाड़ के विलुप्त हो रहे संगीत पर पीएचडी करना और फिर यूजीसी नेट क्वालीफाई करना। बुलंदी की ये कामयाब कहानी बेमिसाल है।

उत्तरकाशी किरण चौहान: Uttarakashi nangan gaon kiran chauhan
Image: Uttarakashi nangan gaon kiran chauhan (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: रास्ते हैं तो मंजिलें हैं, मंजिलें हैं तो हौसला है, हौसला है तो विश्वास है और विश्वास है तो जीत है। जिंदगी का ये फलसफा उत्तरकाशी के नगांणगांव की बेटी किरन चौहान पर फिट बैठता है। एक गांव से निकलकर देश की सबसे टॉप यूनिवर्सिटी में जाना, वहां पहाड़ के विलुप्त हो रहे संगीत पर पीएचडी करना और फिर यूजीसी नेट क्वालीफाई करना। बुलंदी की ये कामयाब कहानी बेमिसाल है। हौसले को अपनी मुट्ठी में भरकर कामयाबी की उड़ान भरने वाली इस बेटी की कहानी भी दिलचस्प है। नगांणगांव की रहने वाले भरत सिंह चौहान की बेटी किरन तीन भाइयों की इकलौती बहन हैं। किरन गांव से जरूर हैं लेकिन जिंदगी में सपनों का सूरज हमेशा चमकता रहा। किरन ने अच्छी मैरिट के साथ यूजूसी नेट क्वालीफाई किया है। किरन वो बेटी हैं जो उत्तराखंड की रवाईं के विलुप्त संगीत के विषय में वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान से PHD कर रही हैं।

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एक साधारण परिवार की बेटी की ये सफलता कई मायनों में लाजवाब है। विषम परिस्थियों में रहने बावजूद किरन ने हिम्मत नहीं हारी। आज किरन संगीत में यूजीसी नेट क्वालीफाई करने वाली जिले की पहली बेटी हैं। ये बात हर कोई जानता है कि वनस्थली इस वक्त देश के टॉप शिक्षण संस्थानों में से एक है। किरन की कामयाबी का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि दो हफ्ते पहले ही उन्हें इसी वनस्थली विद्यापीठ में यूजी और पीजी टीचिंग का भी मौका मिल चुका है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि किरन विषम परिस्थितियों से लड़कर, मुश्किल रास्तों से गुजरकर अपनी जिंदगी में एक नया मुकाम हासिल किया है। राज्य समीक्षा की टीम की तरफ से किरन को ढेरों शुभकामनाएं। जीवन में तरक्की करती रहें और उत्तराखंड का नाम रोशन करती रहें।