पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ के बलुवाकोट गांव में इन दिनों जश्न का माहौल है। गांव के होनहार बेटे ने ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट फॉर इंजीनियरिंग यानि गेट की परीक्षा पास कर ली है। इस होनहार छात्र का नाम है हेमवती नंदन भट्ट। आज हम हेमवती नंदन की सफलता देख रहे हैं, लेकिन इस सफलता के पीछे उनका कठिन परिश्रम छिपा है। इस होनहार छात्र की कहानी आपको भी सपने पूरा करने का हौसला देगी। पिथौरागढ़ के धारचूला ब्लॉक मे एक गांव है बलुवाकोट। हेमवती नंदन भट्ट का परिवार इसी गांव में रहता है। पिता श्याम राज भट्ट गांव में परचून की दुकान चलाते हैं। मां विमला देवी पढ़ी-लिखी नहीं हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, इसके बावजूद पहाड़ के इस छात्र ने इंजीनियर बनने का सपना देखा और इसे पूरा करने के लिए खूब मेहनत की।
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हेमवती नंदन भट्ट इन दिनों देहरादून की डीआईटी यूनिवर्सिटी से बीटेक कर रहे हैं। जब उनका एडमिशन हुआ था तो उनके पास फीस के लिए पैसे तक नहीं थे। तब हेमवती नंदन ने एजुकेशन लोन लेकर पढ़ाई की। इंजीनियरिंग में शोध करने के मकसद से उन्होंने गेट की तैयारी भी शुरू कर दी। आज हेमवती नंदन ने सेल्फ स्टडी के दम पर गेट परीक्षा पास कर ली है। उनकी इस कामयाबी पर पूरे गांव में खुशी की लहर है। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है। हेमवती नंदन ने साबित कर दिया कि अगर हम ठान लें तो कुछ भी मुमकिन है। हालातों का रोना रोने की बजाय हमें इन्हें बदलने का प्रयास करना चाहिए। हेमवती नंदन जैसे होनहारों की सफलता पहाड़ के दूसरे छात्रों को भी अपने सपने पूरा करने का हौसला देगी। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से हेमवती नंदन को ढेर सारी शुभकामनाएं। आप भी पहाड़ के इन होनहारों को बधाई देकर उनका हौसला बढ़ाएं।