चमोली: उम्मीद होती है तो इंसान बुरे से बुरे दिन भी काट लेता है। उम्मीद है शायद तभी नौ जनवरी से लापता गढ़वाल राइफल के हवलदार राजेन्द्र सिंह नेगी (rajendra singh negi) के परिवार वाले आस लगाए बैठे हैं। उनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। उनके परिजनों के लिए दिन काटने मुश्किल हो रहा है मगर अब भी उनकी बीवी, तीन बच्चे और बूढ़े पिता राजेन्द्र सिह नेगी की राह देख रहे हैं। उनके परिवार वालों को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ रहा है। राजेन्द्र सिंह के तीन बच्चे हैं, एक बीवी और बूढ़े पिता। राजेन्द्र परिवार में इकलौते कमाने वाले थे। उनके लापता होने के बाद उनके परिजन सदमे में तो हैं ही साथ ही साथ उनको पैसों की तंगी भी होने लगी है। इसी तंगी के चलते उन्होंने राष्ट्रपति से सहायता की गुहार लगाई है। उनकी पत्नी राजेश्वर देवी का पत्र उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग वैभव गुप्ता के माध्यम से राष्ट्रपति को लिखा गया है। पत्र में लिखा है कि नौ जनवरी को राजेंद्र सिंह की पत्नी तो फोन आया कि सीमा चौकी पर बर्फ हटाते हुए उनके पति फिसल कर दूर गिर गए हैं। जवान तबसे उनकी खोज में लगी है मगर अभी तक उनकी कोई सूचना नहीं मिल पाई है। दो महीने से उनका परिवार सदमे से गुज़र रहा है। आगे देखिए वीडियो
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वर्तमान में राजेन्द्र सिंह नेगी (rajendra singh negi) का परिवार प्रेमनगर सैनिक कॉलोनी देहरादून में रह रहा है। राजेन्द्र के 70 वर्षीय बूढ़े पिता रतन सिंह बताते हैं कि राष्ट्रपति से गुहार इसलिए लगाई क्योंकि सेना से उनको अबतक मात्र 80 हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता ही मिली है। घर मे तीन बच्चे हैं और उनकी पढ़ाई-लिखाई, भरण-पोषण उन्हीं पैसों से किसी तरह हो रहा है। बेटे के जाने के बाद से परिवार में मातम का माहौल है।
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