हरिद्वार: कोरोना वायरस के कारण देश में जारी तीसरे चरण के लॉकडाउन के बाद चौथे चरण के लॉकडाउन का ऐलान हो गया। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। चौथे चरण के लॉकडाउन में कई सेवाओं की अनुमति दी गई है। इससे सबसे ज्यादा राहत ट्रांसपोर्ट सेवा से जुड़े लोगों को मिलेगी, क्योंकि चौथे चरण के लॉकडाउन में अंतरराज्यीय बस सेवाओं की अनुमति दे दी गई है, हालांकि इसके लिए राज्यों की सहमति होना जरूरी है। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक गाड़ियों की आवाजाही शुरू होने से उत्तराखंड के ट्रांसपोटर्स और उत्तराखंड परिवहन की रोडवेज को भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। लॉकडाउन की वजह से पिछले कई महीने से इनका धंधा ठप पड़ा है। चौथे चरण में राज्य सरकार कुछ शर्तो के साथ सार्वजनिक वाहनों के संचालन की परमिशन दे सकती है। किराया महंगा हो सकता है, क्योंकि सेवा संचालन से शर्ते भी जुड़ी होंगी। आगे जानिए इस बारे में 5 खास बातें
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1- यात्रा के वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
2- यात्री कम होंगे तो वाहन संचालकों को नुकसान हो सकता है। इसलिए यात्रियों की संख्या सीमित करने के साथ ही किराये में बढ़ोतरी की जा सकती है। कुछ राज्यों ने किराये की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी तैयार किया है।
3- पिछले तीन चरणों में उत्तराखंड रोडवेज की बसों और निजी यात्री वाहनों का संचालन पूरी तरह बंद रहा। जिससे परिवहन कारोबार से जुड़े लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
4- गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के चौथे चरण में यात्री वाहनों के संचालन में ढील दी है। इससे उत्तराखंड रोडवेज की करीब 1600 बसों का संचालन दोबारा शुरू हो सकता है।
5- उत्तराखंड से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, जम्मू और राजस्थान जैसे राज्यों के लिए बसों की आवाजाही शुरू हो सकती है। हालांकि इसमें राज्यों के बीच सहमति बेहद जरूरी है।
आपको बता दें कि बसों का संचालन ठप होने की वजह से उत्तराखंड रोडवेज को हर महीने 20 से 200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में बसों और यात्री वाहनों के संचालन को लेकर सोमवार तक फैसला ले सकती है।