नैनीताल: लॉकडाउन के 4 चरणों के बाद अब अनलॉक 1 की शुरुआत हो चुकी है। इस फेस में छूट अधिक मिलेंगी। बता दें कि पुराने नियम कानूनों में भी थोड़ी फेरबदल की गई है। रेड जोन इलाकों में भी थोड़ी छूट मिल रही है। नैनीताल जिला भी रेड जोन घोषित हो गया है और वहां भी पुराने नियम कानूनों में बदलाव किया गया है। ऐसे में शादी समारोह आयोजित करने से पहले भी कई नियम और शर्तें माननी पड़ेंगी। पहले भी लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड में कई बार शादियां संपन्न हुई हैं जिसमें सभी ने लॉकडाउन की सभी शर्तों का पालन किया, मगर सोमवार को रेड जोन घोषित हो चुके नैनीताल में पहली अनोखी बारात निकली। अनोखी इसलिये क्योंकि बारात में न तो शोर-शराबा था और न ही किसी प्रकार की आतिशबाजी। बेहद ही सरल तरीके से रीति-रिवाज के साथ शादी संपन्न हुई।
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सभी को निर्देश हैं कि लॉकडाउन के दौरान संपन्न होने वाली शादी में सोशल डिस्टनसिंग और सभी निर्देशों का पालन किया जाए। रेड जोन घोषित हो चुके नैनीताल में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। हल्द्वानी के मुखानी क्षेत्र के रहने निवासी हरीश और मंगल पराओ हल्द्वानी की निवासी अंजू बीते सोमवार को पवित्र बंधन में बंधे। शादी बेहद सरल तरीके से कुमाऊंनी रीति-रिवाज के साथ संपन्न हई। बारात में गिनती के लोग शामिल थे। वर एवं वधु दोनों ने मास्क पहन कर सात फेरे लिए। केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार बारात समारोह में सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा गया। वहीं सोशल डिस्टनसिंग मेंटेन करने के साथ शादी कुमाऊंनी रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई। विवाह में बेहद सीमित लोग थे। बिना ढोल-दमाऊं के रेड जोन घोषित हो चुके नैनीताल में पहली बारात निकली। यह बेहद प्रशंसनीय है कि उत्तराखंड के जागरूक लोग प्रशासन के द्वारा बनाए गए नियम और कानूनों का पालन कर विवाह समारोह में भाग ले रहे हैं।