रुद्रप्रयाग: मानवता और सेवा...ये दोनों ऐसे गुण हैं, जो हमें दूसरे जीवों से अलग बनाते हैं, हमारे व्यक्तित्व को मायने देते हैं। सेवा की चाह हम सभी में होती है, लेकिन कई बार समय तो कभी संसाधनों की कमी के चलते हम ऐसा नहीं नहीं कर पाते। आज हम आपको उत्तराखंड के उस युवा के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अच्छी नौकरी और बेहतर कैरियर के बावजूद समाज की सेवा को अपना मिशन बना लिया। इनका नाम है संजय शर्मा दरमोड़ा। रुद्रप्रयाग के दरम्वाड़ी गांव के रहने वाले संजय शर्मा दरमोड़ा सेवा की मिसाल बन गए हैं। चाहे कोविड-19 से उपजा संकट हो या गरीब-जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाना। बेसहारा लोगों की मदद के लिए उन्होंने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। संजय शर्मा दरमोड़ा दिल्ली हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। अपने बिजी शेड्यूल के बावजूद वो लोगों और समाज की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास करते रहे हैं। आगे देखिए
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चाहे सफाई अभियान हो, संस्कृति का संरक्षण हो या फिर अनाथ आश्रम और वृद्धाश्रमों में सहायता देनी हो, संजय शर्मा दरमोड़ा हमेशा आगे खड़े मिलते हैं। लॉकडाउन के दौरान जब दिल्ली में फंसे उत्तराखंडी प्रवासियों को उनके मालिकों ने अपने हाल पर छोड़ दिया था, उस वक्त संजय शर्मा दरमोड़ा इन प्रवासियों के लिए मसीहा बनकर सामने आए। उन्होंने दिल्ली में फंसे प्रवासियों के लिए खाने-पीने का इंतजाम किया और उनके परिवार को पैसा भी भेजा। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में होने के बावजूद वो उत्तराखंड के गरीब परिवारों के घर राशन किट पहुंचाते रहे। जिस भी तरह संभव हुआ, गरीबों की मदद की। संजय शर्मा दरमोड़ा आज भी अनाथ बच्चों की जिंदगी में खुशियां भरने में जुटे हैं। गरीब बच्चों को पढ़ने में, आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं, ताकि ये बच्चे सफल होकर दूसरों का सहारा बन सकें। हाल ही में उत्तराखंड महासंघ ने समाजसेवी संजय शर्मा दरमोड़ा पर एक खास डॉक्यूमेंट्री रिलीज की...आगे देखें वीडियो।